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वाराणसी में आईएसआई का एजेंट गिरफ्तार, सैन्य ठिकानों की जानकारी भेजता था पाकिस्तान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से आईएसआइ एजेंट मोहम्मद राशिद अहमद को गिरफ्तार किया है। वह सेना और सीआरपीएफ के ठिकानों की तस्वीरें पाकिस्तान भेज रहा था। सेना इंटेलिजेंस की मदद से पकड़े गए इस आतंकवादी से एटीएस यहां लखनऊ में पूछताछ कर रही है।

यूपी एटीएस को आर्मी इंटेलिजेंस ने इनपुट दिया था कि राशिद अहमद (23) पुत्र इदरीस अहमद ने वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छित्तूपुर में अपना ठिकाना बना रखा है और वह पोस्टर और बैनर लगाने का काम करता है।

राशिद 2018 में कराची में रहने वाली अपनी मौसी के यहां गया था जहां वह आईएसआई के संपर्क में आया। 2019 से वह देश के महत्वपूर्ण स्थानों और सैन्य ठिकानों की तस्वीरें आईएसआई को भेज रहा था। मूलत: चौरहाट पड़ाव, कोतवाली मुगलसराय, चंदौली निवासी राशिद के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। इसी फोन से वह सैन्य ठिकानों के साथ ही चंदौली में स्थित सीआरपीएफ के ठिकानों की फोटो खींचकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेज रहा था। वह इस दौरान सेना और सीआरपीएफ के ठिकानों की रेकी भी कर चुका था।

एटीएस के अनुसार, 2018 में जब राशिद पाकिस्तान में था, तब आईएसआई ने उससे संपर्क किया। आईएसआई ने राशिद से दो भारतीय सिम खरीद कर उनका ओटीपी मांगा। इसके बाद ओटीपी लेकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंटों ने उस नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट किया और राशिद को हुक्म दिया कि सिम कार्ड को तोड़ दे। अब उसी भारतीय सिम कार्ड के व्हाट्सएप पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अपना एजेंडा चला रही हैं। एटीएस के अनुसार उस सिमकार्ड पर तमाम भारतीय लोगों को जोड़कर भड़काऊ सामग्री भेजी जा रही है। व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े लोग उसे भारतीय नंबर समझते हैं लेकिन उसका ऑपरेटर पाकिस्तान में बैठा है।

एटीएस के सूत्र बताते है कि राशिद पाकिस्तानी सेना के इशारे पर जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी देने में लगा था। वह इन दिनों वाराणसी कैंट औरसीआरपीएफ अमेठी की जानकारी दे रहा था। वह लगातार व्हाट्सएप पर फोटो भेज रहा था। वह वीडियो भी पाकिस्तान भेजता था। इसके एवज में उसको पाकिस्तान से धन के साथ ही महंगे उपहार भी मिलते थे। उसके पास से पेटीएम के माध्यम से मिले पांच हजार रुपये और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है।

राशिद कई महीनों से खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था। सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के मुताबिक वह पाकिस्तान में दो बार ट्रेनिंग ले चुका है।

उत्तर प्रदेश एटीएस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।  एटीएस के इंस्पेक्टर शैलेन्द्र त्रिपाठी और उनकी टीम ने राशिद के मोबाइल से महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। उससे पूछताछ के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस और आईबी की दो अलग-अलग टीमें लखनऊ स्थित एटीएस कार्यालय पहुंच गई हैं।

gajendra tripathi

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