कोलंबो। श्रीलंका में बीते रविवार को गिरजाघरों और पांच सितारा होटलों में हुए धमाकों की जिम्मेदारी खूंखार अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। इस बीच, इन आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई जिनमें 38 विदेशी शामिल हैं। श्रीलंका के इतिहास के इस सबसे बड़े आतंकी हमले में 10 भारतीयों की भी मौत हुई है।

अभी तक इस आतंकी हमले में स्थानीय आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का हाथ बताया जा रहा था। स्वास्थ्य मंत्री एवं सरकारी प्रवक्ता रजीत सेनारत्ने ने कहा था कि विस्फोट में शामिल सभी आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई नागरिक मालूम हो रहे हैं। उन्होंने कहा था कि कट्टर मुस्लिम समूह नेशनल तौहीद जमात नाम के स्थानीय संगठन को इन घातक विस्फोटों को अंजाम देने के पीछे माना जा रहा है। उन्होंने इस घटना के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े होने की संभावना जताई थी।

उप रक्षा मंत्री रुवान विजयवर्धने ने संसद को बताया था कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि श्रीलंका में रविवार को जो हुआ वो क्राइस्टचर्च में मुसलमानों के खिलाफ हुए हमले का बदला था। गौरतलब है कि पिछले महीने न्‍यूजीलैंड के क्राइस्‍टचर्च में एक ऑस्ट्रेलियाई बंदूकधारी ब्रेंटन टैरंट ने दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी।

गौरतलब है कि इन धमाकों ने लिट्टे के साथ गृहयुद्ध के खात्मे के बाद से इस द्वीपीय देश में एक दशक से जारी शांति को छिन्न-भिन्न कर दिया है। श्रीलंका की आय का एक बड़ा स्रोत पर्यटन है और इस आंतकी हमले से इसे गहरा आघात लगने की आशंका है। जाहिर है कि इससे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लग सकता है।

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