नई दिल्‍ली। चंद्रयान-3 प्रोजेक्‍ट को मंजूरी मिल गई है। इसरो प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया इसरो इस प्रोजेक्‍ट पर काम कर रहा है। इसके लिए चार लोगों को चुन लिया गया है। इन चारों को प्रशिक्षण के लिए रूस भेजने की योजना है। उन्‍होंने बताया, “हमने चंद्रयान-2 पर अच्‍छी तरक्‍की की हालांकि हम लैंडिंग में सफल नहीं हो सके, ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है। यह अगले सात सालों तक काम करेगा और हमें डाटा उपलब्‍ध कराएगा।”

चंद्रयान-3 कम लागत में लांच होगा

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इस बात की जानकारी दी थी। हालांकि इसके बारे में उन्‍होंने ज्‍यादा विवरण नहीं दिया था। उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान-2 की तुलना में कम लागत के साथ चंद्रयान-3 लांच किया जाएगा। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-2 को निराशाजनक  बताने की बात को गलत करार दिया। उनके अनुसार, चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला भारत का यह प्रयास असफल नहीं रहा क्‍योंकि इससे काफी कुछ सीखने को मिला है। अभी तक किसी भी देश ने पहले प्रयास में मंजिल हासिल नहीं की। उन्‍होंने कहा कि चंद्रयान-2 के अनुभवों और मौजूदा बुनियादी सुविधाएं चंद्रयान -3 के लागत को कम करेगा। हालांकि उन्होंने इस नए मिशन के लिए निश्चित तारीख बताने से इंकार कर दिया।

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 मिशन भारत का पहला प्रयास था। इसरो ने चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की योजना बनाई थी। संसद के शीतकालीन सत्र में लिखित प्रक्रिया में केंद्रीय मंत्री ने इस मिशन का पूरा ब्‍यौरा दिया था।

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