नई दिल्ली। अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान के हौसले बुलंद हैं तो पाकिस्तानी आकाओं से मिली डोज के चलते जैश ए मोहम्मद के अरमान भी कुलांचे मार रहे हैं। इन दोनों ही आतंकी संगठनों के बिगड़ैलों का ब्रेनवाश और प्रशिक्षण पाकिस्तान में हुआ है। क्षेत्र में बिगड़ते हालात के बीच दोनों की नजर अब कश्मीर पर है। इनके गठजोड़ और नापाक साजिशों को लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ इनपुट साझा किया गया है, ताकि इन हमलों को नाकाम करने की तैयारी की जा सके।
अधिकारी ने बताया कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में अफगानिस्तान के कांधार में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तालिबानी नेताओं के बीच मुलाकात की जानकारी मिलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट किया गया है। पता चला है कि इस बैठक में जैश ने तालिबानी नेताओं से भारत में हमलों को लेकर मदद मांगी। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हई।
अधिकारी ने कहा, ”हमने खुफिया एजेंसियों से कहा है कि सोशल मीडिया पर नजर रखें। 24 अगस्त को हमें पाकिस्तान के दो आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी मिली जो श्रीनगर में ग्रेनेड अटैक करना चाहते हैं। सभी एजेंसियों को समन्वय के लिए अलर्ट किया गया है।” सभी राज्यों को सुरक्षा बढ़ाने और आतंक-रोधी इकाइयों को हाई अलर्ट रहने को कहा गया है।
गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया और अमेरिकी समर्थित सरकार गिर गई। इसके बाद कई देशों ने अपने नागरिकों और राजनयिकों को काबुल से निकालना शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोग जमा हो गए हैं, जो देश छोड़कर भागना चाहते हैं। भारत भी मिशन देवी शक्ति के तहत अपने नागरिकों के साथ ही हिंदू और सिख अफगानों को निकालने में जुटा है।