नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट में है। उसकी ओर से भारत में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है और कई आतंकवादी मार गिराए हैं। इसके बावजूद यह नापाक पड़ोसी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक खुफिया इनपुट में आगाह किया गया है कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई ने पाकिस्तान स्थित
तीन बड़े आतंकवादी संगठनों- जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा भी भारत के कुछ हिस्सों में आतंकी घटनाओं का साजिश रची जा रही है जिसके तहत कुछ राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों पर हमले हो सकते हैं
खुफिया दस्तावेजों में कहा गया है कि पिछले हफ्ते पुलवामा में एक जगह पर हुई एक बैठक में जैश, लश्कर और हिज्बुल को आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई। इन खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक, एक विश्नसनीय इनपुट है कि हाल ही में पुलवामा में अज्ञात जगह पर हुई एक बैठक में इन आतंकी संगठनों को भविष्य में आतंकवादी हमलो को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
तीनों को अलग-अलग जिम्मेदारी
खुफिया अलर्ट में कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद को नेशनल हाईवे पर हमले कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जबकि लश्कर-ए-तैयबा को आंतरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले कराने को कहा गया है। हिज्बुल मुजाहिद्दीन को पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों की हत्या करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस खुफिया इनपुट के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। उन्हें खुफिया एजेंसियों, स्थानीय पुलिस और सेना के साथ संपर्क में रहने को कहा गया है। पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर नजर रखी जा रही है।खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान किसी भी हालत में कश्मीर घाटी में हालात सामान्य नहीं होने देना चाहता। उसके निर्देश पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के स्थानीय एजेंट लोगों पर दबाव बना रहे हैं कि वे अपना रोजना का काम ना करें। आपको याद होगा कि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने सितंबर में कहा था कि आतंकवादियों ने लोगों को दुकानों और पेट्रोल पंपों को बंद करने के लिए मजबूर किया लेकिन पंप खुले हैं और हमने सुनिश्चित किया है कि जहां भी लोग खोलना चाहते हैं, वहां दुकानें खुली रहें।