जेट एयरवेज, jet airways,

नई दिल्ली। संकट में फंसी जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे एयरलाइन में हिस्सेदारी बिक्री के लिये छह अप्रैल को बोली आमंत्रित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हिस्सेदारी बिक्री का ‘स्वीकार्य’ परिणाम नहीं आता है तो स्टेट बैंक की अगुवाई वाले वित्तीय संस्थानों का समूह अन्य विकल्पों पर विचार करेगा।

कर्जदाताओं के समूह ने नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और कहा कि वे मौजूदा कानूनी तथा नियामकीय रूपरेखा के तहत समयबद्ध तरीके से समाधान योजना को आगे बढ़ाएंगे। जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और उसके 30 से कम विमान फिलहाल परिचालन में हैं।

8,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है जेट एयरवेज के ऊपर

कुल 26 कर्जदाताओं की तरफ से एसबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बोली छह अप्रैल को आमंत्रित की जाएगी और उसे जमा करने की अंतिम तिथि नौ अप्रैल होगी। वित्तीय संस्थानों का जेट एयरवेज के ऊपर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। बयान के अनुसार कर्जदाताओं को यह पता है कि इस प्रयास का परिणाम कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री पर पक्षों की रूचि पर निर्भर करेगा। ”हिस्सेदारी बिक्री” के लिये हर संभव प्रयास किये जाएंगे लेकिन इनका अगर कोई स्वीकार्य नतीजा नहीं आता है तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

कर्जदाताओं की करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद बयान जारी किया गया। बैठक की अध्यक्षता एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने किया। इससे पहले, वह दिन में वित्त और नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल द्वारा 25 मार्च को मंजूर कर्ज समाधान योजना के तहत कर्जदाताओं ने एयरलाइन में बहुलांश हिस्सेदारी ली और उसमें 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की। 

इसके अलावा एयरलाइन के संस्थापक और प्रवर्तक नरेश गोयल के साथ उनकी पत्नी अनीता गोयल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया। गोयल की हिस्सेदारी भी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ गयी है। इससे पहले दिन में नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि जेट एयरवेज फिलहाल 26 विमानों के बेड़े का परिचालन कर रही है और एयरलाइन फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर परिचालन के मानदंडों को पूरा करती है।

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