भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसी के साथ राज्य में करीब दो सप्ताह से जारी राजनीतिक संकट का पटाक्षेप हो गया। कमलनाथ ने इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि प्रदेश की जनता ने उनको पांच साल सरकार चलाने का बहुमत दिया था लेकिन भाजपा ने प्रदेश की जनता के साथ धोखा दिया। जनता उसे माफ नहीं करेगी।

राज्यपाल लालजी टंडन को लिखे त्यागपत्र में कमलनाथ ने लिखा है, “मैंने अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दिया है। मध्य प्रदेश में पिछले दो हफ्ते में जो कुछ भी हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय है।”

इस्तीफा देने से पहे दोपहर 12.30 बजे मीडिया के सामने आए। करीब 25 मिनट बोले। 15 महीने पुरानी अपनी सरकार की 20 उपलब्धियां गिनाईं और 16 बार कहा कि भाजपा को हमारे काम रास नहीं आए। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। वह न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है।’’ कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले स्पीकर एनपी प्रजापति ने भाजपा विधायक शरद कोल का इस्तीफा मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि कोल 6 मार्च को ही इस्तीफा दे चुके थे। स्पीकर ने उस पर फैसला लिया। हालांकि, भाजपा ने दावा किया कि कोल ने इस्तीफा नहीं दिया है।

 

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