नई दिल्ली। कश्मीर मामले में दुनियाभर में अपनी किरकिरी कराने के बाद भी पाकिस्तान अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा। वहां के हुक्मरानों से अपना देश तो संभल नहीं रहा पर वे भारत की राजनीति को अपना मोहरा बनाने की फिराक में हैं। सभी भारतीय जानते हैं कि करतारपुर गलियारे (Corridor) का खुलना भारत के सिखों के लिए बेहद सुखद होने जा रहा है पर पाकिस्तान यहां भी अपनी चाल चल रहा है। उसकी इस नापाक हरकत को इसी से समझा जा सकता है कि उसने करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में  भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित नहीं किया लेकिन पूर्व प्रधानमत्री मनमोहन सिंह को  बुलावा भेजा है। हालांकि मनमोहन सिंह के कार्यालय ने इस बात से साफ इन्कार किया है कि वे पाकिस्तान जाएंगे। साथ ही यह भी साफ किया है कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण पाकिस्तान से नहीं मिला है। 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह सिख कौम से हैं। इसीलिए पाकिस्तान ने “नवजोत कार्ड” के बाद अब जानबूझकर “मनमोहन कार्ड” खेला है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा कि उनका देश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित करेगा। एक साक्षात्कार में, कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार “सिंह को औपचारिक लिखित निमंत्रण भी भेजेगी।“ उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का मानना है कि करतारपुर का उद्घाटन समारोह एक बहुत बड़ा कार्यक्रम है। इसलिए, हम पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को उद्घाटन के लिए आमंत्रित करेंगे क्योंकि वह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”

कुरैशी ने कहा, “मैं पाकिस्तान की ओर से उद्घाटन के लिए पूर्व पीएम सिंह को आमंत्रित करता हूं। हम एक औपचारिक लिखित आमंत्रण भी भेजेंगे।“ अन्य सिख तीर्थयात्रियों को भी आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सभी सिख तीर्थयात्रियों को भी उद्घाटन के लिए आमंत्रित करता हूं और समारोहों का हिस्सा बनने के लिए कहता हूं।”

इस बीच एक समाचार एजेंसी ने कांग्रेस के सूत्र के हवाले से बताया कि जिस करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बुलाया जा रहा है, वे इस निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेंगे। कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री रहते हुए 10 साल तक पाकिस्तान नहीं गए तो अब जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि यूपीए सरकार के दौर में पाकिस्तान ने मनमोहन सिंह को कई बार पाकिस्तान आने का न्योता दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने का खामियाजा भुगत चुकी कांग्रेस किसी भी कीमत पर मनमोहन सिंह को पाकिस्तान जाने देने का खतरा नहीं उठाएगी।

आमतौर पर किसी भी देश से निमंत्रण मिलने पर विदेश मंत्रालय को इस बात की जानकारी देनी होती है। कई बार विदेश मंत्रालय ऐसे मामले में जाने या नहीं जाने की सलाह भी देता है। हाल का वाकया ध्यान करें तो नवजोत सिंह सिद्धू को जब इमरान खान ने अपने शपथग्रहण समारोह में आने का न्योता भेजा था, उस समय विदेश मंत्रालय ने उन्हें पाकिस्तान जाने से नहीं रोक था। लेकिन, मनमोहन सिंह के मामले में शायद ऐसा नहीं होगा।

क्या है करतारपुर कॉरिडोर

गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक तीर्थ से जोड़ेगा। पाकिस्तान इसके लिए भारतीय तीर्थयात्रियों के वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें सिर्फ करतारपुर साहिब जाने के लिए परमिट प्राप्त करना होगा।

लगभग 15 दिन पहले पाकिस्तान की तरफ से बयान आया था, जिसमें बताया गया था कि वह 550 वीं गुरु नानक जयंती से तीन दिन पहले यानी 9 नवंबर को भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोल देगा। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव गोविंद मोहन द्वारा एक बयान सामने आया जिसमें बताया गया कि करतारपुर कॉरिडोर पर 11 नवंबर तक श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

पाकिस्तान करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए भारतीय सीमा से गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि सीमा तक गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक का दूसरा हिस्सा भारत द्वारा बनाया जा रहा है।

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