बीजिंग। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से लगातार “राग कश्मीर” अलाप रहे पाकिस्तान को अब उसके सबसे “विश्वसनीय दोस्त” चीन ने ही बड़ा झटका दिया है। चीन ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान इस पर चर्चा नहीं होगी। एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने कहा कि ये मोदी और शी फैसला करेंगे की उन्हें किस मुद्दे पर चर्चा करना है।  

गौरतलब है कि भारत सरकार ने इसी साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने और इस दो भागों में बांटने का फैसला किया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इस फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म कर लिया और भारतीय उच्चायुक्त को वापस भारत भेज दिया था।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, “मुझे नहीं लगता दोनों नेताओं के मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर चर्चा होगी। मुझे लगता है ये दोनों नेताओं पर छोड़ देना चाहिए कि वे किस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि इस तरह के अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए दोनों नेताओं को चर्चा के लिए ज्यादा समय देना चाहिए।

चीन का यह जवाब पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है। दरअसल, पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका पाकिस्तान चीन के सहयोग से ही भारत के खिलाफ कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, वह इसमें नाकाम रहा। चीन का यह जवाब भारत के लिए बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है। 

राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले महीने भारत यात्रा पर आने वाले हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ बहुत निकट संपर्क बनाए हुए हैं। लेकिन, दोनों नेताओं के बीच कब और कहां मुलाकात होगी, इसके बारे में हुआ चुनयिंग ने कोई जानकारी नहीं दी।

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