फाईल फोटो -एपी से साभार
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काठमांडू। कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के खड्ग प्रसाद शर्मा ओली को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया है। नेपाली कांग्रेस के सुशील कोइराला के 249 मतों की तुलना में ओली को 338 वोट मिले। कुल 587 सदस्यों ने मतदान किया। मतदान के दौरान सांसदों को तटस्थ रहने की इजाजत नहीं होती है।

ओली को यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी-नेपाल, मधेसी जनाधिकार फोरम-डेमोक्रेटिक तथा कुछ और दलों का समर्थन हासिल था। दूसरी तरफ युनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट में शामिल चार दलों ने कोइराला का समर्थन किया। कोइराला 2014 में सीपीएन-यूएमएल की मदद से प्रधानमंत्री बने थे।

ओली (63) को पिछले साल सीपीएन-यूएमएल का प्रमुख चुना गया था। इससे पहले वह पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख थे। ओली साल 2006 की जनक्रांति के तत्काल बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने थे। वह 1994 में तत्कालीन यूएमएल प्रमुख मनमोहन अधिकारी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में गृह मंत्री थे।

नेपाल ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के मुद्दे पर भारत के साथ बने राजनयिक गतिरोध को दूर करने के लिए विदेश मंत्री की अगुवाई में एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। लेकिन समस्या के समाधान के लिए कोई सहमति नहीं बन सकी। नए संविधान का विरोध कर रहे मधेसी समूहों ने भारत के साथ व्यापार मार्गों को अवरूद्ध कर रखा है ।

आंदोलनरत मधेसी फ्रंट का दावा है कि संविधान दक्षिणी नेपाल में रहने वाले मधेसियों और थारू समुदायों को पर्याप्त अधिकार और प्रतिनिधित्व की गारंटी प्रदान नहीं करता। मधेसी भारत के साथ लगते सीमाई तराई क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के लोग हैं जो नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने का विरोध कर रहे हैं ।

इन दोनों समुदायों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में पिछले एक महीने से अधिक की अवधि में कम से कम 40 लोग मारे जा चुके हैं।

एजेन्सी

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