लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान न सिर्फ नेताओं ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया बल्कि आला अधिकारियों ने भी लूट-खसोट के इस परनाले में अपने “हाथ गंदे” किए। तत्कालीन मंत्री आजम खान के बाद अब ऐसे ही मामले में फंसे हैं उस दौरान पुलिस महकमें की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठे जगमोहन यादव जिनके खिलाफ गोसाईगंज थाने में एफआरआर दर्ज की गई है।
पूर्व डीजीपी पर मुकदमा दर्ज होने का यह मामला गुरुवार को राजधानी लखनऊ में सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय़ बना रहा। जमीन कब्जाने के जिस मामले में जगमोहन लपेटे में आये हैं, उसी मामले में 60-65 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर गोसाईगंज थाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम यादव के पुत्र विजय यादव ने दर्ज कराई है।
जगमोहन पर जमीन कब्जाने और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन लोगों पर लखनऊ में शहीद पथ परहरिहरपुर गांव के पास करीब साढ़े तीन बीघा जमीन पर कब्जा करने का आरोप है।
दो साल से चल रहा है विवाद
इस जमीन को लेकर दो वर्ष से अधिक समय से विवाद चल रहा है। इससे पहले आवास विकास परिषद ने भी जगमोहन के खिलाफ इस जमीन पर अवैध कब्जा करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। जगमोहन पर पहले भी जमीन कब्जाने का आरोप लग चुका है। 2017 में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी के आदेश पर भी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उस समय उन पर गोसाईंगंज में आवास विकास की जमीन कब्जाने का आरोप लगा था।
ताजा मामले में मंगलवार को लखनऊ में शहीद पथ से सटे गांव में साढ़े तीन बीघा जमीन को लेकर पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव के बेटे विजय कुमार में विवाद हो गया था। इस जमीन पर कब्जा करने पहुंचे जगमोहन यादव का विजय यादव ने विरोध किया जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। असलहों से लैस होकर दोनों पक्ष के लोग आमने-सामने आ गए। हालंकि पुलिस मौके पर किसी व्यक्ति की ओर से असलहा लाने की बात से इंकार कर रही है। जगमोहन ने यहां बिन्नी इंफ्राटेक के नाम से जमीन खरीद रखी थी। यहीं पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे विजय कुमार सिंह ने भी जमीन खरीदी है। काफी समय से पूर्व मंत्रियों और पूर्व डीजीपी के बीच जमीन की पैमाइश को लेकर विवाद चल रहा है।