लखनऊ। (Examination of Uttar Pradesh Universities for the year 2020)उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों कीकोरोना वायरस महामारी की वजह से लंबित परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितता की स्थिति गुरुवार को खत्म हो गई। सरकार ने घोषणा की है कि विशिवविद्यालयों में अंतिम वर्ष की छात्र-छात्राओं की परीक्षा होगी जबकि बाकी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगी।
उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्नातक में प्रथम और द्वितीय तथा परास्नातक में प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन एवं पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। स्नातक तृतीय वर्ष एवं परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराई जाएंगी। परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में होंगी। परीक्षा का समय कम होगा और बहुविकल्पीय प्रश्न भी पूछे जा सकेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय 23 जुलाई तक अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की परीक्षा का कार्यक्रम तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग को सौंपेंगे।
30 सितंबर तक अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन कराने का भी निर्देश दिया गया है। इसके बाद 15 अक्टूबर तक स्नातक अंतिम वर्ष और 31 अक्टूबर तक स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष का परिणाम घोषित करने का भी निर्देश दिया गया है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सिद्धान्तों के साथ उनको पारदर्शी एवं समान अवसर को महत्व देने की योजना तैयार की है। इसके लिए शैक्षणिक विश्वसनीयता, व्यवसाय का अवसर और वैश्विक स्तर पर भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित किया जाएगा।
यूजीसी और भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं/परिणाम 2020-21 के संबंध में निम्नांकित दिशा-निर्देश दिए गए हैं-
1- कोरोना वायरस के प्रसार के खतरे के दृष्टिगत राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष/अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर अवषेश परीक्षाओं को स्थगित किया जाएगा।
2- कुछ विश्वविद्यालयों ने समस्त परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न करा ली थीं और मूल्यांकन के बाद परिणाम भी जारी कर दिये गए हैं। वे परिणाम यथावत रहेंगे। इन परीक्षाओं पर वह नियम लागू रहेंगे, जो पहले से लागू थे।