Breaking News

शिक्षा के माहौल को खराब रहे वामपंथी, 208 अकादमिक विद्वानों ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

नई दिल्ली। भारत में वामपंथियों की समाज और देश के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर पिछले करीब एक दशक में सवाल उठते रहे हैं। खासकर, छात्र आंदोलन को लेकर उनका रवैया सवालों के घेरे में रहा है। भाजपा उन पर छात्र आंदोलन को हिंसा की ओर मोड़ने का आरोप लगाती रही है। इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति स्वीकार कर चुके हैं कि वह कभी वामपंथी थे पर वामपंथ की “असलियत” जानने के बाद उन्होंने “भ्रमित वामपंथी” के बजाय “उदार पूंजीवादी” बनना पसंद किया। और अब अकादमिक जगत के 200 से ज्यादा विद्वानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वाम विचारधारा से जुड़े लोगों पर देश में शिक्षण का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है। पत्र लिखने वाले लोगों में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति भी शामिल हैं।

इस पत्र में शिक्षाविदों ने कहा कि हम शिक्षाविदों का समूह शिक्षण संस्थानों में बन रहे माहौल पर अपनी चिंताएं बताना चाहते हैं। हमने यह महसूस किया है कि शिक्षण संस्थानों में शिक्षा सत्र के रोकने और बाधा डालने की कोशिश छात्र राजनीति के नाम पर वामपंथ एक एजेंडे के तहत कर रहा है। 

इन विद्वानों ने अपने पत्र में लिखा, “हमारा मानना है कि छात्र राजनीति के नाम पर अतिवादी वामपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है। हाल में ही जेएनयू से जामिया और एएमयू से जाधवपुर विश्वविद्यालय तक में सामने आए घटनाक्रम से पता चलता है किस तरह से अकादमिक माहौल को खराब किया जा रहा है। इसके पीछे लेफ्ट ऐक्टिविस्ट्स के एक छोटे से वर्ग की शरारत है।” पत्र में लिखा गया है कि लेफ्ट विंग के ऐक्टिविस्ट्स की मंडली देश में अकादमिक माहौल को खराब करने में जुटी है।

“शिक्षण संस्थानों में लेफ्ट विंग की अराजकता के खिलाफ बयान” शीर्षक से लिखे गए इस पत्र में कुल 208 अकादमिक विद्वानों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र को लिखने वालों में सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिरीष कुलकर्णी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एचसीएस राठौर और हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी शामिल हैं।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों और जेएनयू में हुई हिंसा के बाद लिखे गए इस पत्र को सरकार की ओर से अकदामिक जगत में समर्थन जुटाने की कोशिश माना जा रहा है। वाम विचारधारा से जुड़े समूहों पर हमला बोलते हुए पत्र में कहा गया है कि “लेफ्ट विंग राजनीति की ओर से लगाई गई सेंशरशिप के चलते स्वतंत्र रूप से कुछ भी बोलना और कोई सार्वजनिक कार्यक्रम करना मुश्किल हो गया है।”

gajendra tripathi

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago