नई दिल्ली। (Loan Moratorium Case) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को ब्याज पर ब्याज को माफ करने के फैसले को जल्द-से-जल्द लागू करने का निर्देश दिया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज को माफ करने की मांग को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। केंद्र सरकार ने बीते 3 अक्टूबर को अपने हलफनामे में कहा था कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन के मामले में 6 माह के मोराटोरियम की अवधि (मार्च से अगस्त 2020) के लिए ब्याज पर ब्याज को माफ करेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार का यह निर्णय 15 नवंबर से पहले प्रभावी हो जाएगा।
तुषार मेहता ने कहा, ”बैंक ब्याज पर ब्याज को माफ करेंगे और इसकी क्षतिपूर्ति सरकार करेगी और इस गणना में विभिन्न तरह की चीजें शामिल होंगी। हम यह सुनिश्चित करना होगा कि बैंक हमें उचित फॉर्मेट उपलब्ध कराएं।”
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कहा कि सरकार को इस फैसले को लागू करने में अब और देरी नहीं करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देरी आम आदमी के हितों में नहीं है। आम आदमी की दुर्दशा देखें। हम आदेश पारित नहीं कर रहे हैं। आम आदमी की दुर्दशा पर विचार करें। छोटे लोगों के लिए राहत देना एक स्वागत योग्य निर्णय है लेकिन कुछ ठोस परिणामों की जरूरत है।
पीठ ने कहा, ”इतने छोटे से फैसले को लागू करने के लिए एक महीने का समय क्यों चाहिए…दो करोड़ रुपये तक के लेनदारों को सरकार की छूट का लाभ जल्द-से-जल्द मिलना चाहिए।” इस पर मेहता ने कहा, ”इसे लागू करने के लिए 15 नवंबर तक की अधिकतम समयसीमा तय की गई है लेकिन सरकार उससे पहले ही इसे लागू करने की कोशिश करेगी।”