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BareillyLive.आंवला। कोरोना से जंग में जरूरतमंदों की आवाज बनकर बरेली लाइव निरन्तर कर्तव्य पथ पर अग्रसर है। बरेली जिले के आंवला के एक गांव में असहाय परिवार को मदद पहुंचने का क्रम सोमवार को भी जारी रहा। आज व्यवसायी, समाजसेवियों एवं नगर पालिकाध्यक्ष ने पहुंचकर जरूरतमंदों को राशन सामग्री एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी। बता दें कि रविवार 12 अप्रैल को बरेली लाइव ने इस परिवार की व्यथा जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाने के लिए खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

बता दें कि आपके प्रिय पोर्टल BareillyLive को रविवार को सूचना मिली कि नगर के समीपस्थ ग्राम मनौना में पांच बच्चों का एक परिवार है। उनके माता-पिता नहीं हैं। इस परिवार में 4 बहिनें तथा एक भाई है। बड़ी बहन तथा भाई विकलांग है। यह पांचों लोग गरीबी के चलते एक टाइम ही बमुश्किल से खाना खा पा रहे हैं।

इस पर हमारी टीम वहां पहुंची तो बड़ी बेटी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते परिवार की हालत और खराब हो गई है। आसपास के घरों में झाडू पोछा करके जैसे-तैसे हम लोग अपना जीवन यापन करते थे। उसने बताया कि दो वर्ष पूर्व राशन कार्ड बना था जिस पर कोटेदार द्वारा बडी मुश्किल से केवल 2-3 बार ही राशन दिया गया। बाद में यह कहकर राशन देने से मना कर दिया कि उनका राशनकार्ड निरस्त हो गया है। लाकडाउन के चलते जब वह कोटे के राशन की दुकान पहुंची तो उसे राशन नहीं दिया गया।

हमने इस पीड़ित परिवार की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया। साथ ही समाजसेवियों को भी सूचना देकर जरूरतमंदों की मदद की अपील की। इस पहल पर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सबसे पहले पहुंचकर परिवार की मदद की। शाम को ही ब्राह्मण महासभा के नितिन महाराज ने परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध कराया।

समाचार पढ़कर क्षेत्र के बडे़ व्यवसायी निहाल सिंह, हिन्दू युवा वाहिनी के जिला मंत्री राजकमल चौहान, पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना ने गांव में पहुंचकर परिवार को राशन सामग्री और आर्थिक मदद मुहैया करायी। सृजन सेवा समिति ने भी सहयोग किया।इन सभी का कहना है कि क्षेत्र में किसी को भी भूखा नहीं सोने देंगे।

वक्त का मारा है परिवार

पूर्व प्रधान अजयपुरी ने बताया कि यह परिवार दिल्ली में रहता था। इनके माता-पिता आर्थिक रूप से सक्षम थे और ये बच्चे कभी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे। माता-पिता की असमय मृत्यु के बाद यह परिवार अनाथ हो गया। इनके मामा इनको अपने साथ यहां गांव में ले आये। माता-पिता की मौत के बाद से बच्चों की षिक्षा आदि भी छूट गई।

आवास और उज्जवला योजना का लाभ भी नहीं मिला

इस अनाथ परिवार का मकान काफी जर्जर है। ग्राम प्रधान, तहसील प्रशासन किसी की भी नजर में यह परिवार शायद आवास का पात्र नहीं था। वहीं ग्राम में अनेक लोगों को उज्ज्वला के कनेक्शन मिले किन्तु इस परिवार को ग्राम प्रधान, सचिव और लेखपाल को यह परिवार इसका भी पात्र नहीं दिखा।

बोले परिवार के लोग, धन्यवाद बरेली लाइव

कल जहां घर में एक टाइम का राशन मुश्किल से था वहीं आज खबर प्रकाशित होने के बाद लगातार पहुंच रही मदद से परिवार के लोग बहुत खुश दिखे। उन्होंने खुशी होते हुए कहा कि भैया आपने हमारी समस्या नहीं उठायी होती तो हम एक टाइम खाकर ही गुजारा कर रहे होते। अब भरपेट दोनों समय खा सकेंगे।

By vandna

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