नई दिल्ली। आमतौर पर यह माना जाता है कि लव जेहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर उनकी इज्जत और जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन, अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कम—से-कम केरल के मामले में इस्लामिक कट्टरपंथियों की पोल-पट्टी खोलकर रख दी है जो “बड़ी साजिश” की ओर इशारा कर रही है। आयोग ने खुलासा किया है कि ईसाई लड़कियां इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए सबसे आसान टार्गेट (Soft target) हैं और इन्हें लव जेहाद का शिकार बनाकर आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आयोग ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की है।

आयोग के उपाध्यक्ष जॉर्ज कुरियन ने गृह मंत्रालय की पत्र लिखकर दावा किया है कि केरल में ईसाई लड़कियों को लव जेहाद का शिकार बनाया जा रहा है और 7 साल में 4000 ईसाई लड़कियां इसकी शिकार हुई हैं। 

आयोग ये लिख है पत्र में

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में लिखा है कि केरल में ईसाई लड़कियां लव जेहाद का सबसे आसान शिकार बन रही हैं। ईसाई लड़कियां इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए एक सॉफ्ट टारगेट  बन गई हैं। केरल बिशप कैथोलिक कॉन्फ्रेंस ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की है जिसके अनुसार, 2005 से लेकर 2012 तक कुल 7 वर्षों में 4000 ईसाई लड़कियों को लव जेहाद का शिकार बनाया गया था। इन सबको प्यार के जाल में फंसाया गया और जबरन धर्मांतरण कर के इस्लाम कबूल करवाया गया। अधिकतर मामलों में पीड़ितों का ब्रेनवाश किया गया। इस खतरनाक चलन को रोकने की जरूरत है। अब इस्लामिक कट्टरपंथियों की ओर से चलाए जा रहे धर्मांतरण अभियान को रोकने के लिए कानून बनाने का समय आ गया है। साथ ही इस मामले में एनआईए से जांच कराई जाने की जरूरत है।

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