akhilesh-yadav-dimpleलखनऊ, 18 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिम्पल यादव के शुक्रवार को विधानभवन की लिफ्ट में फंस जाने से हड़कंप मच गया। यादव अपनी पत्नी, प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया और एक कमाण्डो के साथ विधानसभा में आयोजित बाल संसद में भाग लेने के बाद बाहर आ रहे थे कि तभी अचानक लिफ्ट फंस गई।

जेड प्लस सिक्योरिटी वाले अतिविशिष्ट व्यक्ति के लिफ्ट में फंस जाने से हड़कंप मच गया। आनन फानन में कटर और रॉड मंगा लिए गए। लिफ्ट के दरवाजों को किसी तरह खोलकर अन्दर फंसे लिफ्टमैन समेत पांच लोगों को बाहर निकाला गया। इस बीच लगे 24 मिनट सभी पर भारी गुजरे। सबकी सांसें अटकी रहीं और मुख्यमंत्री तथा अन्य लोगों के सुरक्षित बाहर निकलने के बाद ही लोगों ने चैन की सांस ली। इस स्थिति से गुजरने के बाद राहत की सांस मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ली।

स्क्रू ड्राइवर और लोहे की रॉड से खुला डोर

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लिफ्ट के फंसे हुए दरवाजे को स्क्रू ड्राइवर और लोहे की रॉड की मदद से खोला गया। मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा अधिकारी शिव कुमार ने श्री यादव तथा अन्य नेताओं को लिफ्ट से बाहर निकालने में मदद की।

तीन अधिकारी हुए सस्पेंड

उन्होंने कहा कि विधानभवन के भूतल पर लिफ्ट से बाहर निकलते समय यादव और उनकी पत्नी मुस्करा रहे थे। इस खामी के मद्देनजर एक अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और अवर अभियन्ता को तत्काल प्रभाव से सस्पेन्ड कर दिया गया है। इसके साथ ही लिफ्ट निर्माता कम्पनी थाइसन क्रुक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं।

एडीजी ने मामले को बताया गंभीर
इस बीच, राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। इसकी जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चौधरी ने कहा कि इसे मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक नहीं कहा जा सकता लेकिन यह सही है कि तकनीकी खामियों से सभी परेशान हुए। जिम्मेदार लोगों को दण्डित किया जाएगा।

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