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Lunar Eclipse 16 JULY 2019:आज गुरु पूर्णिमा को विशेष योग में लगेगा चंद्र ग्रहण,जानिए इसके बारे में सब कुछ

नई दिल्‍ली। 16 जुलाई की रात साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के दिन होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसे पूरे देश में देखा जा सकेगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा क्‍योंकि उस वक्‍त यहां रात होगी। चंद्र ग्रहण के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है ।

149 साल के बाद दोबारा गुरु पूर्णिमा पर विशेष योग में एक बार फिर यह चंद्र ग्रहण लगेगा। इससे पहले 12 जुलाई ,1870 को शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था। सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था। इस बार भी इसी योग में चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार मंगलवार 16 जुलाई की रात को 1 बजकर 31 मिनट से ग्रहण शुरू हो जाएगा जो 17 जुलाई की सुबह करीब साढ़े चार बजे तक रहेगा।


हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्‍याख्‍याता महर्षि कृष्‍ण द्वैपायन व्‍यास यानी कि महर्षि वेद व्‍यास का जन्‍म हुआ था । ग्रहण की वजह से सूतक काल से पहले ही गुरु पूर्णिमा की पूजा कर ली जाएगी । आपको बता दें कि 16 जुलाई को लगने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण बाद फिर 2019 का आखिरी ग्रहण और तीसरा सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को होगा, जिसे भारत में देखा जा सकेगा । 26 दिसंबर को वलयकार सूर्य ग्रहण होगा ।

यहां पर हम आपको इस आंशिक से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब बात रहे हैं:

यह कैसा चंद्र ग्रहण है?

साल 2019 का यह अंतिम आंशिक चंद्र ग्रहण है । इस बार 16 जुलाई को आंशिक चंद्र ग्रहण लगेगा (Partial Lunar Eclipse) है ।

क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण?

आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्‍वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते । ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर पृथ्‍वी के बीच के हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे अंब्र (Umbra) कहते हैं । चांद के बाकी हिस्‍से में पृथ्‍वी के बाहरी हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्‍ब्र (Penumbra) कहते हैं । इस दौरान चांद के एक बड़े हिस्‍से में हमें पृथ्‍वी की छाया नजर आने लगती है ।

किन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। दुनिया भर में यह ग्रहण एशिया, यूरोप, ऑस्‍ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका के अधिकतर हिस्‍सों में दिखाई देगा ।

भारत में कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत में देखा जा सकता है । लेकिन देश के पूर्वी क्षेत्र में स्थित बिहार, असम, बंगाल और उड़ीस में ग्रहण की अवधि में ही चंद्र अस्‍त हो जाएगा ।

किस समय दिखेगा आंशिक चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट का होगा । भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा । इस दिन चंद्रमा पूरे देश में शाम 6 बजे से 7 बजकर 45 मिनट तक उदित हो जाएगा इसलिए देश भर में इसे देखा जा सकेगा ।

इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?


चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है । चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं । अगर आप टेलिस्‍कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा ।


ग्रहण का सूतक काल कब लगेगा?

शास्‍त्रों के नियम के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है । तो इस हिसाब से सूतक 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 31 मिनट से ही शुरू हो जाएगा । ऐसे में सूतक काल शुरू होने से पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा विधिवत् कर लें । सूतक काल के दौरान पूजा नहीं की जाती है । सूतक काल लगते ही मंदिरों के कपाट भी बंद हो जाएंगे ।

ग्रहण काल आरंभ: 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट
ग्रहण काल का मध्‍य: 17 जुलाई की सुबह 3 बजकर 1 मिनट
ग्रहण का मोक्ष यानी कि समापन: 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट

ग्रहण के दुष्‍प्रभाव से बचने के लिए क्‍या उपाय करें?

वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण का विशेष महत्‍व है । ग्रहण काल को अशुभ माना गया है । सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है । धार्मिक मान्‍यताओं में विश्‍वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्‍त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं । साथ ही ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण किया जाता है । फिर पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा देने का विधान है ।

vandna

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