नई दिल्ली। अखिल भारतीय इमाम संगठन के चीफ इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का एक ही इलाज है और वह है एक-दूसरे से दूरी। इसी के साथ उन्होंने सभी मुसलमानों से शब-ए-बरात के दौरान घरों में रहने की अपील की है। शब-ए-बरात पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं अपने मुसलमान भाइयों और इमामों से ये गुज़ारिश करता हूं कि कल से शब-ए-बरात शुरू होने वाला है तो आप सभी लॉकडाउन और धारा 144 का पालन करें और घरों में रह कर इबादत करें।”
चीफ इमाम ने कहा, “मैं अपने भारतवासियों से एक अपील करूंगा कि देश में इस समय कोरोना वायरस के जो नंबर बढ़ रहे हैं इसका सिर्फ एक ही इलाज है और वह सामाजिक दूरी है। सरकार ने जो गाइडलाइन दी है उसका पालन करें यही इसका एकमात्र इलाज है।”
इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मुस्लिमों से शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने शब-ए-बरात के दौरान भी समाजिक दूरी (Social distance) सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और अपने घरों पर अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की।
जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी भी देश के मुसलमानों से घरों के अंदर रहने और नमाज अदा करने की अपील कर चुके हैं।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों ने शासन-प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन का पालन करते हुए जुमे की नमाज जमात के साथ पढ़ना छोड़ दिया तो ऐसे में शब-ए-बरात की इबादत पर भी यही हुक्म लागू होगा। उन्होंने अपील की कि सभी अहले मोमिम अपने घरों में ही पूरी रात जागकर इबादत के दौरान रो-रो कर दुआ करें कि अल्लाह पूरी दुनिया को कोरोना से बचा लें। उन्होंने यह भी कहा कि शब-ए-बरात में कब्रिस्तान न जाकर अपने घर से ही फातिहा पढ़ लें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड शब-ए-बारात के मौके पर कब्रिस्तान और दरगाहों में लोगों के आने पर प्रतिबंध लगा चुका है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसएम शोएब ने मुतवल्लियों को भेजे पत्र में कहा कि वे लोगों को अपने घरों में ही इबादत करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि लॉकडाउन की अवहेलना न हो। फरमान में साफ कहा गया है कि अगर आदेश की अवहेलना होती है तो सारी जिम्मेदारी मुतवल्ली की होगी।
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी दरगाहों और कब्रिस्तान के ट्रस्टी और प्रबंधन समितियों को निर्देश दिया है कि वे अपने परिसर में लोगों को प्रवेश न दें। बोर्ड ने कहा है कि लोगों को 9 अप्रैल को घरों में ही इबादत करनी चाहिए।
आगामी
गुरुवार को शब-ए-बारात है। शब-ए-बारात की रात लोग मस्जिदों और घरों में इबादत करते
हैं। इसके बाद कब्रिस्तान जाते हैं और अपने परिवारीजनों की कब्र पर फातिहा पढ़ते
हैं और दरगाह में मजार पर चादरपोशी करते हैं।