लखनऊ। बसपा से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो पर जमकर हमला किया। मायावती पर मुसलमानों को गाली देने का आरोप लगाया। कहा कि मायावती ने दाढ़ी वाले मुसलमानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इतना ही नसीमुद्दीन ने यह भी कहा कि मायावती ने सभी जातियों के लिए अपशब्दों प्रयोग किया।
नसीमुद्दीन ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर मायावती पर मुस्लिमों को गद्दार कहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती जी ने मुझे बुलाकर पूछा कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया? उन्होंने (मायावती ने) कहा गद्दार हैं। सिद्दकी ने अपने और अपने बेटे के ऊपर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया।
और क्या-क्या कहा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में-
माया से मिलने जाने वालों की तलाशी ली जाती है। वह यानि मायावती नहीं चाहती कि कोई और मुख्यमंत्री बने। कहा कि बसपा को मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा और आनंद कुमार खत्म कर रहे हैं।
आरोप लगाया कि मायावती ने मुझसे 50 करोड़ मांगे, मायावती ने मुझे अपनी प्रॉपर्टी बेचने को कहा। मायावती ने कांशीराम को भी नीचा दिखाने की कोशिश की। बीएसपी की बर्बादी के पीछे सतीश एंड कंपनी का हाथ।
Baad mein unho ne aur jaatiyon ko bhi bura bhala kaha. Kanshiram ji ka bhi apmaan kiya: Naseemuddin Siddiqui pic.twitter.com/NUR3Fq0ccs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 11, 2017
उन्होंने व्यथित होते हुए कहा पार्टी के लिए मैंने मेरी मरी हुई बेटी का मुंह नहीं देखा। कहा कि मायावती को जेल का डर दिखाते हैं सतीश मिश्रा।
इससे पहले बसपा मुखिया मायावती का दाहिना हाथ कहे जाने वाले पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को ‘भ्रष्टाचार’ और ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में संलिप्तता के आरोप में बुधवार (10 मई) को पार्टी से निकाल दिया गया। बसपा महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चन्द्र मिश्र ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नसीमुद्दीन ने चुनाव के दौरान लोगों से धन लिया। पार्टी की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे और इन आरोपों पर पक्ष जानने के लिये बार-बार बुलाने पर भी नहीं आये। उन्होंने कहा कि बसपा में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं है, लिहाजा नसीमुद्दीन और उनके बेटे अफजल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
मालूम हो कि बसपा की पिछली सरकार में बेहद ताकतवर मंत्री रहे नसीमुद्दीन मुख्यमंत्री मायावती का दायां हाथ माने जाते थे। उन पर मंत्री पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के भी बेहद गम्भीर आरोप लगे थे। नसीमुद्दीन विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।