ओसाका (जापान)। जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस सम्मेलन से इतर ब्रिक्स नेताओं (BRICS leaders) की अनौपचारिक बैठक में मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए पांच सुझाव दिए। साथ ही कम कीमत पर तेल और गैस की उपलब्धता पर जोर देते हुए एकतरफा फैसले थोपने के लिए परोक्ष रूप से अमेरिका पर भी सवाल उठाए। आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए पाकिस्तान को भी घेरा। भारतीय प्रधानमंत्री ने रोजगार के लिए आसान आवाजाही की जरूरत पर भी बल दिया।
मोदी ने कहा कि इन समस्याओं का निराकरण आसान नहीं है फिर भी इनसे निपटने के लिए वह पांच सुझाव देना चाहेंगे। ब्रिक्स देशों के बीच तालमेल से एकतरफा फैसलों के दुष्परिणामों का निदान कुछ हद तक हो सकता है। हमें सुधारों के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं व्यापारिक संस्थाओं एवं संगठनों में आवश्यक सुधार पर जोर देते रहना होगा। निरंतर आर्थिक विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा के संसाधन जैसे तेल और गैस कम कीमतों पर उपलब्ध रहना चाहिए।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजास्टर रेजीलियन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भारत की पहलकदमी विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए उचित बंदोबस्त करने में सहायक होगी। “मैं आपसे इसमें शामिल होने का आह्वान करता हूं। दुनिया भर में कुशल कारीगरों का आवागमन आसान होना चाहिए। इससे उन देशों को भी लाभ होगा जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा कामकाजी उम्र को पार कर चुका है।”
मोजी ने कहा, “मैंने हाल ही में आतंकवाद पर एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आह्वान किया था। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए जरूरी सहमति का अभाव हमें शिथिल बना देगा। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल करने के लिए मैं ब्राजील की सराहना करता हूं। मैं ब्राजिलिया में ब्रिक्स सम्मेलन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं। इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए भारत पूरा सहयोग करेगा। हमें न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा सदस्य देशों के भौतिक और सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर तथा रिन्यूबल ऊर्जा कार्यक्रमों में निवेश को प्राथमिकता देनी होगी।”