लंदन। महिलाओं के बारे में आमतौर पर दो बहुत प्रचलित धरणाएं हैं- एक, वह बोलती बहुत हैं और दूसरा- प्रायः झूठ बोलती हैं और बहुत सफाई से बोलती हैं। लेकिन, हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने कम से कम महिलाओं के झूठ बोलने के मामले में समाज में प्रचलित धारणाओं का खारिज कर दिया है। इसके अनुसार, झूठ बोलने की बात आती है तो महिलाओं के मुकाबले पुरुष बेहतर तरीके से झूठ बोलते हैं।

ब्रिटेन की पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी के अनुसार, झूठ बोलने में महारथी व्यक्ति एक अच्छा वक्ता होता है और वह दूसरों की तुलना में अपने परिवार, दोस्तों, पार्टनर और सहयोगियों से अधिक झूठ बोलता है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि झूठ बोलने में माहिर व्यक्ति मैसेज के बजाय आमने-सामने झूठ बोलना अधिक पसंद करते हैं और सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहां वे बहुत कम झूठ बोलते हैं। पोर्ट्समाउथ और नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसटिक्ट की ब्रियन्ना वेरिजिन ने बताया, “झूठ बोलने के मामले में विशेज्ञता और महिला-पुरुषों के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। महिलाओं की तुलना में पुरुष खुद को दोगुना बेहतर झूठ बोलने वाला मानते हैं। वे यह भी मानते हैं कि झूठ बोलने के बाद आसानी से बच निकलते हैं।”

गौरतलब है कि पहले के अध्ययनों में बताया गया था कि अधिकतर व्यक्ति हर रोज एक से दो झूठ बोलते हैं लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। झूठ बोलने वालों का एक छोटा समूह है। पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि लगभग आधे झूठ बोलने वालों की संख्या कम है और ये लोग अपने करीबियों से छुटकारा या उनसे माफी के लिए झूठ बोलते हैं।

ऐसे किया अध्ययन 

वेरिजिन ने इस अध्ययन के लिए 39 वर्ष की औसत उम्र वाले 194 महिला-पुरुषों से सवाल-जवाब किए। उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए। इनमें यह भी पूछा गया कि वे दूसरों को धोखा देने के मामले में खुद को कितना बेहतर मानते हैं। अध्ययन में पाया गया कि झूठ बोलने वालों की सबसे अहम रणनीति होती है कि वे ऐसा झूठ बोलते हैं जो सच के करीब हो। शोधकर्ताओं ने बताया कि जिस व्यक्ति को लगता है कि वह जितनी अच्छी तरह बोल सकता है, वह उतना ही अधिक झूठ बोलता है।

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