रावलकोट। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। उसके द्वारा पाल-पोषे आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के लिए सीमा पार मौके का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है। जम्‍मू-कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के नेता सरदार सगीर ने बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए पीओके को आतंकियों के लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

सगीर ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के उस इनपुट पर भी मुहर लगाई जिसमें कहा गया है कि पीओके स्थित लॉन्चिंग पैड में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी बड़ी संख्‍या में घुसपैठ की ताक में बैठे हैं। सगीर ने कहा कि पीओके में बड़ी संख्‍या में आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यही नहीं बड़ी संख्‍या में आतंकी भारत में घुसपैठ की ताक में बैठे हैं। “ये आतंकी लगातार घुसपैठ की कोशिशें कर रहे हैं, मारे जा रहे हैं और मारे जाते रहेंगे।”

सगीर ने बताया कि पाकिस्तान एक एजें‍डे के तहत जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है। सन् 1947 में भी उसने कश्‍मीर को अस्थिर करने की बड़ी कोशिश की थी। सन् 1980 में उसने जम्‍मू-कश्‍मीर को अशांत करने को अपने एजेंडे में शामिल कर लिया। की कोशिशें की हैं। वर्ष 1989 में हिज्‍बुल मुजाहिद्दीन और जमात उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठनों को खड़ा करने के पीछे उसकी यही मंशा थी।

सगीर ने बताया कि हाफिज सईद द्वारा लश्‍कर-ए-तैयबा और जमात उद दावा का गठन कश्‍मीर में अशांति फैलाने के मकसद से किया गया था। सगीर ने कहा,“विश्‍व समुदाय को पाकिस्‍तान द्वारा की जाने वाली आतंकी गतिविधियों को देखा जाना चाहिए। गुलाम कश्‍मीर में हालात बहुत खराब हैं। वहां के लोग पाकिस्‍तानी उत्‍पीड़न और आतंकवाद से जूझ रहे हैं।”

9/11 के आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के मसले पर पाकिस्‍तान बेनकाब हो गया और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों का शांतिपूर्ण संघर्ष सामने आया।

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