Breaking News

मिशन चंद्रयान-2 : विक्रम-प्रज्ञान भले ही कहीं खो गए हों पर ऑर्बिटर है ना…

नई दिल्‍ली। भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास तक चंद्रयान-2 मिशन  के तहत विक्रम लैंडर को पहुंचाकर इतिहास रचा है। हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का उसके साथ संपर्क चांद की सतह से करीब 2.1 किलोमीटर ऊपर से टूट गया। इसरो की ओर से घोषणा की गई, “विक्रम का संपर्क टूट गया है। विक्रम और प्रज्ञान कहीं खो गए हैं।” भले ही विक्रम लैंडर का संपर्क वैज्ञानिकों से टूट गया हो लेकिन चांद की कक्षा पर मौजूद चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पूरे एक साल तक चांद पर शोध करेगा और उसके रहस्‍यों पर से पर्दा हटाएगा।

चंद्रयान-2 के तीन हिस्से थे- ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान। फिलहाल लैंडर और रोवर से संपर्क भले ही टूट गया है लेकिन ऑर्बिटर की उम्मीदें अभी कायम हैं। लैंडर और रोवर को दो सिंतबर को ऑर्बिटर से अलग किया गया था। ऑर्बिटर इस समय चांद से करीब 100 किलोमीटर ऊंची कक्षा में चक्कर लगा रहा है।

ऐसा है ऑर्बिटर

चंद्रयान-2 ऑर्बिटर का वजन 2,379 किलोग्राम है। यह 3.2*5.8*2.1 मीटर बड़ा है। इसकी मिशन लाइफ एक साल की है। पूरे चंद्रयान-2 मिशन में इसी ऑर्बिटर को अहम भूमिका निभानी है। इसी के जरिये विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर और धरती पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों के बीच संपर्क होना है। यह चांद की कक्षा पर मौजूद रहेगा। यह चांद की सतह पर मौजूद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से मिली जानकारियों को धरती पर वैज्ञानिकों के पास भेजेगा। हालांकि अभी विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया है लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों ने इसके क्रैश होने जैसी आशंका नहीं जताई है। उनका कहना है कि उसके डाटा का विश्‍लेषण हो रहा है। चंद्रयान-2 मिशन का 95 प्रतिशत पेलोड काम कर रहा है। इसका मतलब है कि ऑर्बिटर के सभी उपकरण सुचारू रूप से काम कर रहे हैं।

इन आठ उपकरणों से शोध करेगा ऑर्बिटर

1. चांद का डिजिटल मॉडल तैयार करने के लिए टेरेन मैपिंग कैमरा-2।

2. चांद की सतह पर मौजूद तत्‍वों की जांच के लिए इसमें चंद्रययान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर (क्‍लास)।

3. क्‍लास को सोलर एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रम इनपुट मुहैया कराने के लिए सोलर एक्‍स-रे मॉनीटर।

4. चांद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने और वहां मौजूद मिनरल्‍स पर शोध के लिए इमेजिंग आईआर स्‍पेक्‍ट्रोमीटर। 

5. चांद के ध्रुवों की मैपिंग करने तथा सतह और सतह के नीचे जमी बर्फ का पता लगाने के लिए डुअल फ्रीक्‍वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार।

6. चांद की ऊपरी सतह पर शोध के लिए चंद्र एटमॉसफेयरिक कंपोजिशन एक्‍सप्‍लोरर-2।

7. हाई रेस्‍टोपोग्राफी मैपिंग के लिए ऑर्बिटर हाई रेजॉल्‍यूशन कैमरा।

8. चांद के वातावरण की निचली परत की जांच करने के लिए डुअल फ्रीक्‍वेंसी रेडियो उपकरण।

gajendra tripathi

Recent Posts

बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्री अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मना, सैकड़ों ने चखा प्रसाद

Bareillylive : बरेली के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्री अन्नकूट महोत्सव…

6 hours ago

सूने पड़े चित्रगुप्त चौक को हिंदू सेना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट ने किया रोशन

Bareillylive : हिंदू सेना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने श्री चित्रगुप्त चौक…

6 hours ago

31,000 दीपों की रोशनी से जगमगाया रिजर्व पुलिस लाइन परेड ग्राउंड

Bareillylive : दीपावली त्योहार के पावन अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन बरेली में दीपोत्सव कार्यक्रम…

6 hours ago

कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में करीब 3 साल बाद सुरक्षा बलों व आतंकियों में मुठभेड़

Bareillylive : श्रीनगर, 2 नवंबर, केएनटी : कश्मीर की राजधानी श्रीनगर आज करीब 3 साल…

7 hours ago

तुलसी वन गौशाला के उदघाटन कर बोले सांसद, गौ सेवा पुनीत कार्य, य़ह ममतामय घर

Bareillylive: मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी संस्था के द्वारा ग्राम आसपुर खूबचंद, रिठौरा रोड, बरेली में…

4 days ago

रणधीर गौड़ रचित ‘लावनी गीत’ एवं शिवरक्षा रचित ‘शिवार्चना’ का हुआ विमोचन

Bareillylive : कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में रससिद्ध शायर पंडित देवी प्रसाद गौड़…

4 days ago