कैनबरा। सदी के सबसे विकराल दावानल (जंगल की आग) और सूखे की मार से जूझ रहे आस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग में पानी पीने से रोकने के लिए 10 हजार से अधिक ऊंटों को मारा जाएगा। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के अनंगु पीतजंतजतारा यनकुनितज्जतजरा लैंड्स के आदिवासियों के नेता ने पानी की कमी से जूझ रहे इन जंगली ऊंटों को मारने का आदेश जारी कर दिया है। इन जंगली ऊंटो को हेलीकॉप्टर से कुछ प्रोफेशनल शूटर मार गिराएंगे।
“डेली मेल” की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के लोगों की शिकायत थी कि जंगल में आग लगने के कारण जंगली जानवर पानी के लिए उनके घरों में घुस रहे हैं। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद आदिवासी नेताओं ने 10 हजार ऊंटों को मारने का फैसला किया है। इसी के साथ चिंता जताई है कि ये ऊंट एक साल में एक टन कार्बन डाईऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग पर असर दिखाई दे रहा है।
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, जंगल में लगी भीषण आग की वजह से ऊंट रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं। आग के कारण आस-पास की तपिश की वजह से ये ऊंट अत्यधिक पानी पी रहे हैं। पहले से ही जल संकट से जूझ रहे इलाकों में इस कारण बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। इस कारण प्रशासन ने आज से पांच दिवसीय अभियान का आगाज किया है। इस काम को अंजाम देने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
जिन इलाकों में ऐसा किया जा रहा है वहां पर ऑस्ट्रेलिया की आदिम जातियां रहती हैं। यह इलाका दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के रिमोट उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस मामले में स्थानीय प्रशासन का कहना है कि आग के कारण हम यहां गर्म और मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। हम पहले से ही अपने घरों में फंसे हुए हैं। जल संकट के कारण लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए एसी से निकलने वाली पानी को एकत्र करते हैं। ये ऊंट हमारे घरों तक पहुंचकर पानी नहीं मिलने पर एसी से निकलने वाले पानी तक को पी जा रहे हैं। इन विषम परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है।