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नई दिल्लीः केंद्र सरकार का वर्ष 2022 का आम बजट एमएसएमई सेक्टर पर काफी मेहरबान नजर आ रहा है। मंगलवार को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों  (MSME) को मजबूत करने के लिए कई नयी योजनाएं की घोषणा की। एमएसएमई सेक्टर को 5 साल में 6000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप (entrepreneurship) के लिए संभावनाएं बनेंगी।

बजट में इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा। घरेलू उद्योगों की मजबूती पर भी सरकार का पूरा जोर है। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे और लघु उद्योगों को 2 लाख करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी।

छोटे उद्योग (MSMEs) को क्रेडिट गारंटी स्कीम (credit guarantee scheme) से मदद दी जाएगी। कहा गया कि रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा। Udyam, e-shram, NCS और Aseem के पोर्टल्स को इंटर लिंक किया जाएगा, जिससे इनकी पहुंच व्यापक हो जाएगी। ये पोर्टल G-C, B-C & B-B सर्विस देंगी जिसमें ऋण सुविधा, उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना शामिल होगा।

देश की जीडीपी में अहम योगदान

देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 और देश के निर्यात में 48 प्रतिशथ की बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले एमएसएमई सेक्टर को कोरोना महामारी के प्रकोप ने बेहाल कर दिया है। यही वजह है कि आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार को एमएसएमई मंत्रालय के लिए भी अन्य बड़े मंत्रालयों की तरह बजटीय प्रावधान करना होगा। पिछले बजट यानी वित्त वर्ष 2021-22 में एमएसएमई सेक्टर के लिए 15,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।

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