सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, युवा नेताओं के प्रस्ताव में अखिलेश यादव के प्रति वफादारी जताई गई है। इसमें पार्टी के एक युवा विधायक और तीन एमएलसी शामिल हैं। सियासी हलकों में चर्चा है कि अखिलेश यादव ने भी संकेत दिए हैं कि अगर उनके करीबी नेताओं को वापस नहीं लिया गया तो वह भी पार्टी के 25 साल के जश्न में शामिल नहीं होंगे। अब देखना है कि मुलायम सिंह सपा के इस युवा नेताओं की प्रतिक्रिया पर क्या कदम उठाते हैं।
मुलायम इस प्रकरण से सख्त नाराज बताए जाते हैं। उन्हें लगता है कि जिस पार्टी के 25 साल से वे सर्वमान्य नेता हैं, उसी पार्टी में कुछ युवा नेता उन्हें चुनौती दे रहे हैं। मुलायम को शक है कि इसके पीछे उनके बेटे की ताकत हो सकती है। मुलायम ने अपने किसी करीबी से कहा है कि यह तो ब्लैकमेलिंग है। निकाले गए नेता अगर अनुशासित ढंग से गलती मानकर माफी मांग लेते तो वे उन्हें वापस ले लेते। अब देखना यह है कि मुलायम पार्टी में टूट को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं। सपा में आपसी खींचतान का असर चुनावों पर भी पड़ने की उम्मीद है।
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