कानपुर। (Murder case of eight policemen,) उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर हुए एनकाउंटर में चौबेपुर के पूर्व थानध्यक्ष विनय तिवारी की अहम भूमिका बताई जा रही है। इन्हीं आरोपों के आधार पर विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। विनय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने ही विकास दुबे को खबर दी थी कि पुलिस उसके घर छापा मारने वाली है।
बिकरू कांड के समय चौबपुर थाने के एसओ रहे विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा पर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में फरार मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे से संबंध रखने, मुठभेड़ के समय पुलिस टीम की जान खतरे में डालने और मौके से भाग जाने के मामले में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की गई है। कानपुर रेंज के आइजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इसकी पुष्टि करते हुए मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी दी है।
गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में विनय तिवारी और अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह सही पाया गया। जांच में सामने आया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल विकास दुबे के लिए मुखबिरी कर रहे थे।
कानपुर के एसएसएपी दिनेश प्रभु ने बताया, “सबूतों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को सूचना दे दी थी कि उसके घर छापेमारी होने वाली है। इसीलिए वह अलर्ट हो गया था और उसने पुलिस पर हमला कर दिया। यही कारण था कि आठ पुलिसवालों की जान चली गई।”
चौबेपुर थाने का पूरा स्टाफ लाइनहाजिर
गौरतलब है कि मंगलवार को चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिल्हौर के तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी रिश्तों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए कथित रूप से पत्र लिखा था। आरोप ही के विनय तिवारी की विकास दुबे के साथ नजदीकियों के चलते ही उन्होंने दबिश की सूचना विकास तक पहुंचाई।
आरोप है कि विनय तिवारी के विकास दुबे से घनिष्ठ संबंध थे। आरोप यह भी है है कि होली पर बिकरू गांव के ही राहुल तिवारी को विकास और उसके साथियों ने जान से मारने का प्रयास किया था। इसके बावजूद विनय तिवारी ने एफआईआर नहीं दर्ज की। राहुल तिवारी ने सीओ देवेंद्र मिश्रा से गुहार लगाई तो उनके हस्तक्षेप के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।