नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहरको ‘आतंकवादी’ करार देते हुए कहा कि वह उनके देश में भी बम विस्फोटों में संलिप्त रहा है।
हालांकि उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया कि पाकिस्तान क्यों चीन से अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए नहीं कह रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मुशर्रफ ने एक टीवी चैनल से कहा कि चीन को क्यों शामिल किया जाए जब उसका उससे (अजहर) कुछ मतलब नहीं है। अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लंबित है लेकिन चीन इसमें यह दावा करते हुए अड़चन डाल रहा कि उसे आतंकवादी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।
दिल्ली में गुरुवार को उजागर हुए जासूसी के एक मामले जिसमें पाकिस्तान उच्च आयोग का एक कर्मचारी शामिल है, इस बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख ने आरंभ में इसे नजरंदाज करते हुए कहा कि मैं इससे अवगत नहीं हूं। लेकिन साथ में जोड़ा ‘अगर ऐसा है तो :इसे: बढ़ावा नहीं देना चाहिए। ’चैनल ने कहा कि मुशर्रफ ने पाकिस्तान सरकार के अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक नाकामी को स्वीकार लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि पाकिस्तान को हल्के में लेना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान की प्रगति के लिए राजनीतिक नेतृत्व उपयुक्त है या सेना, मुशर्रफ ने कहा कि सेना जब सत्ता में रही है देश में विकास हुआ है।
पीओके में आतंकवादी शिविरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘मैं नहीं जानता’ कहकर शुरुआत में अनभिज्ञता जाहिर की। हालांकि, मुस्कराहट के साथ उन्होंने कहा कि मैं आपको तब जानकारी दूंगा जब मैं इन शिविरों की गिनती कर लूंगा, जिनके बारे में आप बात कर रहे हैं। ‘लक्षित हमले’ और भारत की ताकत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मजबूत सेना के साथ एक परमाणु शक्ति है और उसपर धौंस नहीं जमाया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा और शरीफ के साथ उनकी बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हाथ मिलाना सिर्फ कृत्रिम कदम है, लेकिन औपचारिक समाधान के लिए कुछ ठोस उठाए जाने की आवश्यकता है।