न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर से भारत को घेरने की कोशिश की। इस दौरान नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र नाकाम रहा है। साथ ही शरीफ ने यह भी कहा कि इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है।
कश्मीर मुद्दे पर अपनी आवाज को बुलंद करते हुए पाक पीएम नवाज शरीफ ने कहा 1947 से अब तक इस मुद्दे को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र नाकाम रहा है। भारत के साथ रिश्ता अच्छा करने की जरूरत है। अपने देश की मांग की अनदेखी करते हुए नवाज शरीफ ने अंग्रेजी में भाषण देते हुए कहा कि 2013 में प्रधानमंत्री बनते ही मैंने भारत से बातचीत शुरू की, लेकिन अब भी भारत की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया जा सहा है।
नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर की तीन पीढ़ियों ने सिर्फ टूटते वादे ही देखे हैं। हजारों लोगों ने इसका दंश झेला है। कश्मीरियों से बातचीत जरूरी है। कश्मीरियों के बिना भारत से कोई भी बातचीत संभव नहीं है। 1947 से लेकर अब तक कश्मीर मुद्दा सुलझ नहीं सका है।
इससे पहले बीते रविवार को भी नवाज शरीफ ने यूएन महासचिव बान की मून के साथ मुलाकात करके भी कश्मीर मुद्दा उठाया था। शरीफ ने यूएन महासचिव से राज्य में जनमत संग्रह कराने की मांग की थी। पाकिस्तान मिशन के अनुसार शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के कथित उल्लंघन को खत्म करने में मदद करने में भूमिका निभाएं।
शरीफ ने भारत पर कश्मीर को लेकर आरोप लगाए तो नए सिरे से शांति-वार्ता शुरू करने की पहल भी की। नवाज शरीफ ने कहा, ‘मैं इस मौके पर भारत के साथ नए सिरे से अमनबहाली की पहल करता हूं।’ हालांकि, इसके लिए नवाज शरीफ ने चार शर्तें रखीं। पहली, दोनों तरफ से सीजफायर का उल्लंघन पूरी तरह बंद हो और यूएन इस पर नजर रखे। दूसरी शर्त कश्मीर से सेना हटाई जाए। तीसरी, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन से सेना हटाई जाए और चौथी शर्त भारत और पाकिस्तान की तरफ से किसी भी तरह से सैन्य बलों का इस्तेमाल कतई न किया जाए।