ल्यूकेमिया आम तौर पर बच्चों को होने वाला कैंसर है और बताया जाता है कि करीब 150 बच्चे ‘एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया’ (एएलएल) से पीड़ित हैं। इनमें से करीब 15 फीसदी बच्चों को ‘एएलएल’ का तीव्र उपप्रकार ‘टी-एएलएल’ है जिन पर इस बीमारी के इलाज का बहुत कम असर होता है या नहीं होता।
चिल्ड्रेन कैंसर इन्स्टीट्यूट स्थित यूएनएसडब्ल्यू कन्जॉइंटन रिचर्ड लॉक एंड डोन्या मोराडी मानेश के अध्ययन से पता चलता है कि टी-एएलएल के प्रयोगशाला मॉडलों पर दवा पीआर-1042 का प्रभावी असर होता है। अध्ययन के नतीजे प्रतिष्ठित जर्नल ब्लॅड में प्रकाशित हुए हैं।
Bareillylive: समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शमीम खाँ सुल्तानी पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल…
Bareillylive : खंडेलवाल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी बरेली में *स्वभाव और संस्कार स्वच्छता…
Bareillylive : एसआरएमएस मेडिकल कालेज में पिछले करीब आठ वर्ष से भर्ती किशोर निशांत गंगवार…
Bareillylive : एक उम्मीद संस्था द्वारा और इनरव्हील क्लब बरेली के योगदान से एक विशेष…
Bareillylive : इंस्पायर मानक योजना के अंतर्गत प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित 11 वीं…
Bareillylive : इनर व्हील क्लब मेन बरेली 311 की अध्यक्ष डॉ विनीता सिसोदिया, सचिव निरुपमा…