नई दिल्ली। सोशल एक्टीविस्ट हर्ष मंदर विरोध प्रदर्शन में बच्चों के दुरुपयोग को लेकर फंस गए हैं। सीएए और एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ पिछले साल हुए आंदोलन में एनजीओ के बच्चों को इस्तेमाल करने पर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ महरौली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। हर्ष मंदर के खिलाफ यह शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( (National Commission For Protection of Child Right, NCPCR) की ओर से की गई थी।
एफआईआर के मुताबिक हर्ष मंदर के एनजीओ उम्मीद, अमन घर और खुशी रेनबो में रहने वाले बेसहारा बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए आंदोलनों में ले जाया जाता था। आरोप है कि इन्कार करने वाले बच्चों से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता था और कई बार उनके साथ हाथापाई तक होती थी।
जेजे एक्ट में दर्ज हुई शिकायत के अनुसार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अक्टूबर 2020 में इन एनजीओ में विजिट की थी। उसमें पता चला कि वहां पर अक्सर विदेशी भी आते-जाते थे। विजिट के दौरान विदेशों से आने वाले फंड में हेराफेरी की जानकारी भी मिली। बच्चों से हुई बातचीत में पता चला कि उनका इस्तेमाल पिछले साल सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में किया गया।
दिल्ली दंगों में भी हर्ष मंदर का नाम है
शाहीन बाग आंदोलन में हर्ष मंदर ने सरकार के खिलाफ जमकर भाषणबाजी की थी। दिल्ली में पिछले साल फरवरी में हुए हर्ष मंदर का दंगों की चार्जशीट में भी उनका नाम है। इस चार्जशीट में एक फोटो में वह शरजील इमाम के साथ नजर आ रहा है। शरजील इमाम ही वह विवादित व्यक्ति है जिसने असम को बाकी देश से अलग-थलग करने की धमकी दी थी और इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल दिल्ली दंगों में हर्ष मंदर की भूमिका की जांच कर रही है