वाराणसी। श्रीराम मंदिर के लिए अब यूपीआई और बारकोड के जरिये धनराशि नहीं ली जाएगी। समर्पण राशि में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर यह निर्णय लिया गया है। विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।

चंपत राय ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय सेवक संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर समर्पण राशि मंदिर निर्माण के लिए लोगों से ले रहे हैं। समर्पण राशि उच्च पारदर्शिता के तहत ली जा रही है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी की संभावना नहीं है। वहीं यूपीआई और बारकोड से ली जा रही समर्पण राशि में गड़बड़ी की सूचना मिली। अब निर्णय लिया गया है कि यूपीआई और बारकोड से समर्पण राशि नहीं ली जाएगी। 

चंपत राय ने कहा कि जन्मभूमि के लिए समाज समर्पण कर रहा है। हम लोगों का यह संकल्प है कि हम पूरे देश में चार लाख गांवों के 14 करोड़ परिवारों से समर्पण राशि लेने का काम करेंगे। अब तक 1500 करोड़ रुपये से अधिक की समर्पण राशि आ चुकी है।

उन्होंने कहा कि चांदी कि अभी जरूरत नहीं है।लोगों को मना किया जा रहा है कि वे चांदी दान न दें। मंदिर निर्माण का कार्य तीन वर्ष में पूरा हो जाएगा। स्थानीय कार्यकर्ता यह तय करेगा कि कहां से समर्पण निधि लेना है। गरीब व्यक्ति भी गर्व से कह सकता है कि हमने मंदिर निर्माण में सहयोग किया था। मंदिर परिसर में किसी भी दानदाता के नाम का उल्लेख नहीं किया जाएगा

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