मुंबई, 4 अगस्त। ब्याज दरों में कमी के सरकार और उद्योग जगत के दबाव को दरकिनार करते हुये रिजर्व बैंक ने आज नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से फिलहाल आवास ऋण और दूसरे कर्ज पर ब्याज दर कम होने की उम्मीदों को झटका लगा है।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने खाद्य पदार्थ की उंची महंगाई दर और बैंकों द्वारा पिछली कटौतियों का लाभ पूरी तरह ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने को नीतिगत दर में और कटौती नहीं करने की प्रमुख वजह बताया। गवर्नर ने कहा इस साल अब तक नीतिगत दर में जितनी कटौती की गई उसकी तुलना में आधे से भी कम लाभ बैंकों ने ग्राहकों को दिया है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान मौद्रिक नीति की तीसरी समीक्षा करते हुये राजन ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 7.25 प्रतिशत और बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। रेपो दर वह दर होती है जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये नकदी लेते हैं जबकि सीआरआर बैंकों के पास जमा राशि का वह हिस्सा है जिसे बैंकों को केन्द्रीय बैंक के नियंतत्रण में रखना होता है।
रिजर्व बैंक ने इस साल जनवरी के बाद से अब तक रेपो दर में तीन बार में 0.75 प्रतिशत कटौती की है। राजन ने कहा है कि बैंकों ने अब तक इस कटौती में से मात्र 0.3 प्रतिशत कटौती का लाभ ही ग्राहकों को दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति में वर्ष की शुरआत में जून में ही कदम उठा लिया गया, ऐसे में मौजूदा स्थिति में दरों को स्थिर रखना समझदारी होगी, हालांकि इसके साथ ही मौद्रिक नीति में समायोजन से जुड़े उपायों को बरकरार रखा गया है।’’
एजेन्सी