नयी दिल्ली। (एजेन्सी)।पिछले एक साल में रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी में लगातार कटौती किये जाने से इस दौरान सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेण्डर 100 रुपये महंगा हो गया है। अब सब्सिडी शून्य हो गई है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल जुलाई में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेण्डर का बाजार मूल्य यानी बिना सब्सिडी वाले सिलेण्डर की कीमत 637 रुपये थी, जो अब घटकर 594 रुपए रह गयी है। इसके बावजूद इस दौरान सब्सिडी वाला सिलेण्डर 100 रुपए महंगा हुआ है। इसकी कीमत 494.35 रुपए से बढ़कर 594 रुपए हो गई।
सरकार द्वारा सब्सिडी में लगातार कटौती किये जाने से बीते मई माह से ही सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत एक समान हो गई है। इस साल मई, जून और जुलाई में ग्राहकों को सब्सिडी नहीं मिली है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही ऐसी खबरें आई थीं कि सरकार की योजना धीरे-धीरे रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करने की है, लेकिन इस संबंध में पूछे जाने पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हर बार इस बात से इनकार करते रहे।
एक साल में LPG सब्सिडी में लगातार कटौती
दूसरी तरफ सरकार ने पिछले एक साल में सब्सिडी में लगातार कटौती की। जुलाई 2019 में सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलिंडर 494.35 रुपए का और बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 637 रुपए का था। अक्टूबर 2019 में सब्सिडी वाला 517.95 रुपये का और बिना सब्सिडी वाला 605 रुपए का हो गया। इस साल जनवरी में सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत बढ़कर 535.14 रुपए और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 714 रुपए हो गई। अप्रैल में सब्सिडी वाले सिलेंडर का मूल्य 581.57 रुपए और बिना सब्सिडी वाले का मूल्य 744 रुपए हो गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अप्रैल में एलपीजी की कीमतों में भारी गिरावट के बाद मई में घरेलू सिलेंडर का बाजार मूल्य 162.50 रुपए घटाकर 581.50 रुपए कर दिया गया जिससे सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत एक हो गई। जून और जुलाई में बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के साथ सब्सिडी वाले सिलिंडर की कीमत में भी समान वृद्धि की गई है।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑइल कॉपोर्रेशन ने अपनी वेबसाइट पर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत के बारे में जानकारी देनी बंद कर दी है। एक साल पहले तक उसकी वेबसाइट पर इसकी जानकारी उपलब्ध होती थी। सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में पिछले साल जनवरी से अब तक हुई वृद्धि और इसका कारण जानने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को 07 जुलाई को लिखे गए ई-मेल का उसकी ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। (वार्ता)