नई दिल्ली। अपने लगातार ध्वस्त होते मंसूबों के चलते पस्त होते नजर आ रहे आतंकवादियों और उनके आकाओं के मंसूबे अब और खतरनाक हो गए हैं। उनके निशाने पर आतंकवाद रोधी अभियान के सबसे बड़े रणनीतिकार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA, एनएसए) अजीत डोभाल हैं। डोभाल के कार्यालय की रेकी का एक वीडियो सामने आने से आतंकवादियों के इरादों का खुलासा हुआ है। दरअसल, बीती 6 फरवरी को कश्मीर के शोपियां का रहने वाला जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी हिदायतुल्ला मलिक गिरफ्तार किया गया था। उससे पूछताछ में ही न केवल भारत में आतंक फैलाने के पाकिस्तानी साजिशों का एक बार फिर पर्दाफाश हो गया बल्कि यह वीडियो भी सामने आया है। उसे यह वीडियो अपने पाकिस्तानी हैंडलर को भेजना था जिसे वह डॉक्टर के नाम से जानता था।
इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि जैश के आतंकी हिदायतुल्ला मलिक ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के कहने पर डोभाल के दफ्तर और कुछ अन्य अहम इमारतों की रेकी की थी।
हिदायतुल्ला मलिक को अनंतनाग में पकड़ा था। वह जैश के फ्रंट ग्रुप लश्कर-ए-मुस्तफा का चीफ है। गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से भारी तादाद में गोला-बारूद बरामद किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, मलिक ने बताया कि वह 24 मई, 2019 को इंडिगो की फ्लाइट से श्रीनगर से दिल्ली आया था। उसको डोभाल के कार्यलय सरदार पटेल भवन के अलावा सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था का वीडियो बनाना था। मलिक को यह वीडियो वॉट्सऐप के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर को भेजना था।
पूछताछ में मलिक ने बताया कि उसे रेकी के वीडियो जिस पाकिस्तानी हैंडलर को भेजने थे, उसका नाम डॉक्टर है। मलिक रेकी के बाद बस से कश्मीर लौटा था। उसने यह भी बताया कि 2019 की गर्मियों में ही उसने सांबा सेक्टर बॉर्डर एरिया की रेकी भी की थी। यह रेकी उसने समीर अहमद डार के साथ की थी। समीर को पुलवामा हमले में 21 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलिक ने पूछताछ में यह भी बताया कि उसे मई,2020 में एक आत्मघाती हमले के लिए सैंट्रो कार दी गई थी। इसके लिए मलिक ने अपने साथियों इरफान ठोकार, उमर मुश्ताक और रईस मुस्तफा के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर के एक बैंक की कैश वैन से 60 लाख रुपये लूटे थे। मलिक ने पूछताछ में पाकिस्तान स्थित 10 लोगों के कॉन्टैक्ट नंबर और कोड नाम भी बताए हैं। इसी डिटेल के आधार पर शोपियां और सोपोर में मलिक के दो कॉन्टैक्ट को ढेर किया गया था।
मलिक जुलाई, 2019 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। इससे पहले उसने जैश के ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम किया था। हालांकि, बाद में उसे फिर जैश में शिफ्ट कर दिया गया। इसी साल उसने फरवरी में जैश का फ्रंट ग्रुप लश्कर-ए-मुस्तफा बनाया था।
मलिक ने पूछताछकर्ताओं को बताया कि उसने बिहार से कोकरनाग निवासी जन मोहम्मद टीएल, छपरा निवासी मुश्ताक आलम और एक अन्य शोपियां निवासी मुदाबिर मंज़ूर के माध्यम से सात पिस्तौलें खरीदीं। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने जैश ऑपरेटर आशिक अहमद नगरू की दिसंबर, 2018 और जनवरी,2019 के बीच सांबा सेक्टर के माध्यम से भारत से भगाने में मदद की थी। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अजीत डोभाल को लेकर जैश के नापाक मंसूबों को काफी गंभीरता से लिया है और एनएसए के खतरे को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है।
एनएसए डोभाल उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हैं। जैश सरगना मसूद अजहर से भी डोभाल की पुरानी दुश्मनी है। डोभाल ने ही मसूद अजहर से तब पूछताछ की थी, जब उसे 1994 में गिरफ्तार किया गया था। 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद डोभाल ही मसूद अजहर कंधार एयरपोर्ट लेकर गए थे।
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