वाशिंगटन, 25 जुलाई। ऐसे कंप्यूटर एलगोरिदम का विकास किया गया है जो शरीर के भीतर दवाएं किस तरह का औषधीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं, इसको समझने में वैज्ञानिकों के लिए मददगार साबित हो सकता है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के अनुसंधानकर्ताओं ने इस एलगोरिदम का विकास किया है। इसमें एक भारतीय मूल का अनुसंधानकर्ता भी शामिल है। यह दवाओं को अधिक प्रभावी और कम दुष्प्रभावी बनाने में मददगार साबित हो सकता है। यह दवाओं की क्रियाओं और नये और मौजूदा यौगिकों के अलग चिकित्सकीय उपयोग की पहचान कर सकता है।
सीयूएमसी में सिस्टम जीवविज्ञान विभाग की अध्यक्ष और शोध पत्र की सह लेखक डाक्टर एंड्रिया कैलिफानो ने कहा ‘‘पहली बार हम लोग सभी प्रोटीन की पहचान के लिए जिनोम की वृहत खोज कर सकते हैं जो दवाओं की क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’ वैज्ञानिक कोशिका में अणुओं को लक्ष्य करके दवाओं को तैयार करते हैं। हालांकि, जब दवा मानव शरीर में प्रवेश करती है तो यह भी बेहद जटिल प्रणाली का हिस्सा बन जाता है और अन्य अणुओं के साथ इस तरह व्यवहार करता है, जिसका आसानी से अनुमान लगाना आसान नहीं होता।
इस तरह से कई बार अप्रत्याशित अभिक्रिया के कारण कई बुरे प्रभाव पैदा हो सकते हैं और कई अच्छी दवाओं को प्रयोग करने से रोक देती है। कैलिफॉर्निया के प्रयोगशाला ने डिमांड (डिटेक्टिंग मेकेनिज्म ऑफ एक्शन बाई नेटवर्क डिसरेगुलेशन) नामक नयी प्रणाली का विकास किया है, जिसका लक्ष्य दवाओं के प्रभाव को ज्यादा अच्छे तरीके से वर्गीकृत करना है।
एजेन्सी