नई दिल्ली/बीजिंग। कश्मीर मामले को लेकर चीन ने पाकिस्तान को झटका देते हुए कहा है कि दोनों देश भारत और पाकिस्तान बातचीत से कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं।
चीन ने गुरुवार को पाकिस्तानी मीडिया की इन खबरों से दूरी बनाई जिनमें दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री ली क्विंग ने पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को चीन की ओर से समर्थन जताया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग से जब इन खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ली क्विंग ने 21 सितंबर को न्यूयॉर्क में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों पर और साथ ही समान हितों के अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के बारे में पूछे जाने पर लू ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा इतिहास के समय से चला आ रहा है। इस पर हमारा रुख एक सा है। हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष वार्ता के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान पर पहुंचेंगे। पाकिस्तान के डॉन न्यूज ने खबर प्रकाशित की थी कि चीन, कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करता है और ली ने आश्वासन दिया है कि चीन कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करता रहेगा।
अखबार ने ली के हवाले से कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात के दौरान कहा कि हम पाकिस्तान का समर्थन करते हैं और हम हर मंच पर पाकिस्तान के लिए बोलेंगे। अन्य पाकिस्तानी मीडिया संगठनों ने भी इस तरह की खबरें प्रसारित कीं। जियो टीवी ने भी चीन के समर्थन का दावा किया।
चीन ने कश्मीर में उरी हमले के बाद बढ़ते तनाव पर चिंता प्रकट की और कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद को चीन के नागरिकों समेत उन विदेशियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए, जो 46 अरब डॉलर की लागत वाले चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर काम कर रहे हैं।
लू कांग से सवाल किया गया कि उरी आतंकी हमले के मद्देनजर कुछ हवाई पाबंदियों के चलते पाकिस्तान की ओर से पीओके के कुछ इलाकों की उड़ानें रद्द किये जाने की खबरों के बीच सीपीईसी पर काम कर रहे सैकड़ों चीनी कर्मियों की सुरक्षा को लेकर क्या चीन चिंतित है। इस प्रश्न के जवाब में लू ने कहा कि चीनी पक्ष कश्मीर में तनाव को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे, बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से मतभेदों को सुलझाएंगे, तनाव बढ़ाने से बचेंगे और क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करेंगे। चीनी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बारे में चीनी प्रवक्ता ने कहा कि हम यह उम्मीद भी करते हैं कि स्थानीय लोगों तथा चीन समेत दूसरे देशों के नागरिकों की सुरक्षा और उनके सामान्य जीवन के लिए संबंधित पक्ष प्रभावी कदम उठाएंगे।
लू के बयान ऐसे समय में आये हैं जब कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा तनाव बढ़ाने को लेकर यहां अशांति की भावना है। बीजिंग अपनी सबसे बड़ी विदेशी परियोजनाओं में से एक ‘सीपीईसी’ को लेकर जटिल परिस्थिति का सामना कर रहा है। भारत ने पीओके से गुजरने वाली परियोजना को लेकर बार बार विरोध दर्ज कराया है।