वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने रविवार को कहा की छात्रों का हंगामा विश्विद्यालय को बदनाम करने की साजिश है। शनिवार रात को परिसर हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। कहा कि छेड़खानी की घटना के दिन ही हमारे सुरक्षा अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। हमने घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनायीं है जो अपने काम में लगी हुई है।
क्या कहना है VC का ?
उन्होंने कहा कि उपद्रव बाहरी लोगों की देन है। हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते है और हमें इस बात की ख़ुशी है, वे उपद्रव में शामिल नहीं थे। कुछ लोगों को विश्विद्यालय मान लेना सही नहीं होगा.उन्होंने कहा कि विश्विद्यालय में बाहरी लोगों का प्रवेश तब से है जब से विश्विद्यालय बना है। अब हम कोशिश करेंगे की विश्विद्यालय परिसर में बाहर के लोगों का आना जाना बंद किया जाए। उधर, बढ़ते हुए छात्र अन्दोलन को देखते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ और संपूर्णानंद विश्विद्यालय सहित संबंध सभी महाविद्यालयों को सोमवार से बंद करने का निर्देश दिया है।
शनिवार रात किया था पुलिस ने लाठीचार्ज
छेड़खानी की एक घटना के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने शनिवार रात वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में महिलाओं समेत कई छात्र और दो पत्रकार भी घायल हुए हैं। हिंसा के मद्देनजर विश्वविद्यालय ने कल से दो अक्तूबर तक छुट्टियों की घोषणा कर दी है। पहले विश्वविद्यालय में पहले 28 सितंबर से छुट्टी होने वाली थी।
सीएम ने रिपोर्ट मांगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभागीय आयुक्त, वाराणसी से घटना के बारे में आज रिपोर्ट मांगी। उधर, समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न दलों ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की. पुलिस के लाठीचार्ज में महिलाओं समेत कई छात्र और दो पत्रकार भी घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि संघर्ष के दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए, इस दौरान छात्रों ने आगजनी भी की।
एजेन्सी