इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान कभी दुनिया भर में मदद की गुहार लगा रहा है तो कभी भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। अब यही पाकिस्तान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के परमाणु हथियायों के इस्तेमाल को लेकर दिए गए एक सामान्य बयान से ही घबरा गया है।
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि विषम परिस्थितियों में भारत परमाणु हथियारों के “पहले इस्तेमाल न करने” की अपनी नीति में बदलाव कर सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली जयंती पर उन्हें याद करते हुए दिए गए इस बयान को पाकिस्तान ने अपने लिए चेतावनी समझ लिया। इसके बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत का यह बयान बताता है कि वह “हिंसा के लिए आतुर” है।
राजनाथ ने ट्वीट में यह कहा था
“पोखरण वह क्षेत्र है
जिसने
भारत को परमाणु शक्ति बनाने के लिए अटल जी के दृढ़ संकल्प को देखा और अभी तक पहले
इस्तेमाल न करने की नीति के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध है। भारत ने इस सिद्धांत
का कड़ाई से पालन किया है। भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर
करता है।”
कुरैशी ने दिया ये जवाब
शाह
महमूद कुरैशी ने राजनाथ सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “हिंसा के लिए आतुर भारत की ओर
से यह एक और चेतावनी है। पाकिस्तान के लगातार प्रयास से 1965 के बाद पहली बार कश्मीर मुद्दे
पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई है। इतिहास गवाह है कि युद्ध को
उकसावा देना वाला देश कभी जीत नहीं सकता।”
कुरैशी ने शुक्रवार को ही राजनाथ के बयान को चौंकाने वाला और गैर जिम्मेदाराना बताया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। यह उनकी इस नीति पर ढोंग को उजागर करता है। इस पर हमने कभी विश्वास नहीं जताया है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर संयम बनाए रखने के पक्ष में रहा है। साथ ही उसने ऐसे उपायों को अपनाने से परहेज किया है जो स्वभाव से आक्रामक हैं। पाकिस्तान अपने इस रुख पर हमेशा कायम रहेगा।