इस्लामाबाद। कश्मीर से धारा 370 समाप्त करने को “मुसलमानों का मुद्दा” बनाने की पाकिस्तान की कोशिश फिर पटरी से उतर गई है। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्री (OIC) ने इस मामले में उसकी एक नहीं सुनी और जिस संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर सबसे ज्यादा भरोसा था उसने भी फटकार दिया। यूएई ने कश्मीर मसले को मुस्लिम समुदाय से जोड़ने की कोशिश पर पाकिस्तान से कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद बिन सुल्तान अल नाहयान ने साफ कहा है कि कश्मीर मसले का मुस्लिम समुदाय से कुछ लेना-देना नहीं है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवाद का मुद्दा है। अल नाहयान के साथ ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल बिन अहमद अल-जुबीर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे थे।

द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों ने यूएई के विदेश मंत्री से कश्मीर के समर्थन में बयान दिलाना चाहा। इस पर समर्थन तो दूर अल नाहयान ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इस्लामाबाद को कश्मीर को मुस्लिम समुदाय से जुड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि पाकिस्तान और भारत बातचीत के जरिए इस मसले को सुलझाएं।

यूएई के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में इस इस्लामिक देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ जायद” से नवाजा था जबकि पाकिस्तान ने इसका बहुत विरोध किया था।

यूएई इस्लामिक सहयोग संगठन का पहला ऐसा सदस्य देश था जिसने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले का समर्थन किया था। यूएई ने मोदी सरकार के फैसले को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए कहा था कि इसका मकसद क्षेत्रीय भेदभाव दूर करना और कार्य कुशलता में सुधार लाना है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने भी बुधवार को जियो टीवी के एक कार्यक्रम में कहा कि यूएई ने पाकिस्तान से कश्मीर के मुस्लिमों को मुद्दा नहीं बनाने को कहा है। मीर ने पाकिस्तान सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से यह बात कही।

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