नयी दिल्ली। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार और बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में पाकिस्तान की इमरान सरकार की पूरी दुनिया में थू-थू हो रही है, लेकिन पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। एक ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान के ननकाना साहिब के बाहर की भीड़ ने शुक्रवार को पत्थरबाज़ी की। सिख समुदाय के खिलाफ नारेबाजी की और धमकी दी।
घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक प्रदर्शनकारी युवक कहता है कि हम यहां सिखों को नहीं रहने देंगे और इसका नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफा कर देंगे।
ननिकाना साहिब के बाहर पत्थरबाजी की खबर मीडिया में आने के बाद गुरुद्वारे के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। हालांकि, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है। कई लोग अभी भी गुरुद्वारा के बाहर जमे हैं।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व मोहम्मद हसन के परिवार ने किया, जिसने कथित तौर पर सिख लड़की जगजीत कौर का अपहरण किया और उससे निकाह कर लिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे लोग यहां गुरुद्वारे की उपस्थिति के खिलाफ हैं। ये तस्वीर नागरिकता कानून की आड़ में राजनीति कर रहे लोगों के लिए सबक है क्योंकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ क्या सलूक हो रहा है ये इससे स्पष्ट है।
उधर, अकाली दल ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले की निंदा की है। दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “इन्होंने बेहद घटिया किस्म की हरकत की है। पीड़ितों ने पुलिस को फोन किया मगर पुलिस अब तक नहीं पहुंची है। सच्चा मुसलमान ऐसा गुंडागर्दी नहीं कर सकता।“ उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से तत्काल ऐक्शन लेने की मांग की है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का ध्यान ननकाना साहिब के बाहर हई पत्थरबाजी की ओर दिलाते हुए भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की अपील की है।