नासा ने कहा है कि प्लूटो की भूमध्य रेखा के निकटीय क्षेत्र की नजदीक से ली गयी तस्वीरों से यह पता चलता है कि यहां बर्फ की परत के उपर 11,000 फुट यानी लगभग 3,500 मीटर उंचे ऐसे पहाड़ हैं जो बहुत पुराने नहीं हैं।
नासा के कैलिफोर्निया स्थित एम्स अनुसंधान केंद्र के भूविज्ञान, भूभौतिकी और इमेजिंग (जीजीआई) के नेतृत्वकर्ता जेफ मूर ने कहा कि इन पहाड़ों की आयु 10 करोड़ वर्ष से अधिक नहीं होगी।
इस लिहाज से यह सौर मंडल जिसकी आयु चार अरब छप्पन करोड़ साल है उसकी तुलना में यह काफी नया है और अब भी विकास प्रकिया के अंतर्गत है। मूर ने कहा ‘हम लोगों ने सौर मंडल में जिन सतहों को देखा है उसमें यह सबसे नयी है।’ कुछ विशाल ग्रहों के बर्फीले चंद्रमा के विपरीत प्लूटो अपेक्षाकृत बड़े ग्रहों के साथ गुरत्वाकषर्ण की वजह से गर्म नहीं हो सकता।
कोलोराडो स्थित दक्षिणपश्चिम अनुसंधान संस्थान के जीजीआई के उप नेतृत्वकर्ता जान स्पेंसर ने कहा ‘इस कारण हमलोगों को इस पर फिर से सोचना पड़ेगा कि अन्य बर्फीले स्थानों पर किस तरह की भूवैज्ञानिक शक्तियां गतिविधि करती हैं ।’
ये पर्वत संभवत: प्लूटो के पानी से जमी बर्फ ‘बेडराक’ से बने हुए हैं। मिथेन और नाइट्रोजन बर्फ हालांकि प्लूटो की अधिकतम सतह को घेरे हुए हैं लेकिन ये तत्व पहाड़ बनाने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं। इसके बदले बहुत संभव है कि पानी से जमी बर्फ जैसे कठोर तत्व से इसकी चोटियां बनी हों।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के जीजीआई नेतृत्वकर्ता बिल मैककिनन ने कहा ‘प्लूटो के तापमान पर पानी से जमी बर्फ चट्टानों की तरह कार्य करती है।’ प्लूटो के सबसे करीब जाने से मात्र डेढ़ घंटा पहले नजदीक से ये तस्वीरे ली गयी है जब अंतरिक्षयान बौने ग्रह की सतह से 77,000 किलोमीटर की उंचाई पर था।
एजेन्सी।
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