लखनऊ। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने उत्तर प्रदेश के अध्यापक शिक्षा संस्थानों में चल रहे पाठ्यक्रमों में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को स्वीकृति दे दी है। इससे बीएड, बीटीसी, बीएलएड जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले गरीब सवर्ण छात्र-छात्राओं को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

काफी विलंब से मिली इस मंजूरी का एक दूसरा पक्ष भी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीएड में दाखिले की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई है और करीब दो लाख सीटों में से मात्र 30 हजार सीटें ही बची हैं और इन सीटों को भरने के लिए शुक्रवार से लेकर 14 जुलाई तक सीधे दाखिले होने हैं। 

गौरतलब है कि बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी इस बार रुहेलखंड विश्वविद्यालय को दी गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने बताया कि जून के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई मुख्य काउंसिलिंग और पूल काउंसिलिंग आठ जुलाई को खत्म हुई है। इसके बाद भी खाली रह गईं 30 हजार सीटों को भरने के लिए डायरेक्ट एडमिशन का कार्यक्रम भी घोषित हो चुका है।

जून में काउंसिलिंग शुरू होने से पहले ही गरीब सवर्णों के आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा गया था। अब काउंसिलिंग जब अंतिम चरण में है तब आरक्षण का लाभ देने की मंजूरी दी गई है। ऐसे में रुहेलखंड विश्वविद्यालय अब इस मामले में शासन से दिशा-निर्देश लेगा। 

error: Content is protected !!