लखनऊ। फर्जी नाम से बनाए गए सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अयोध्या के राम मंदिर पर अभद्र टिप्पणी करने वाले प्रशांत कनौजिया को पुलिस ने नई दिल्ली में दबोच लिया। उसके खिलाफ खिलाफ समाज में जहर घोलने वाली टिप्पणी करने के साथ ही अन्य मामलों में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में सोमवार को केस दर्ज किया गया था। उसके खिलाफ लखनऊ के ही आशियाना थाने में भी केस दर्ज है।
प्रशांत कनौजिया ने सुशील तिवारी के नाम से बनाए गए अपने ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया था कि “राम मंदिर में ओबीसी और एससी/एसटी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और सभी लोग इसके खिलाफ आवाज उठाएं।” इससे पहले भी उसे सोशल मीडिया में वर्ग विशेष पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था। इस बार वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के साथ ही अयोध्या के राम मंदिर की फर्जी फोटो वायरल कर ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग में मानसिक जहर फैला रहा था। इससे पहले उसके खिलाफ भाजपा नेता शशांक शेखर सिंह ने भी मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
हजरतगंज कोतवाली में दर्ज केस के अनुसार, प्रशांत कनौजिया ने सोशल मीडिया पर जाति, धर्म औक वर्ग को बांटने से संबंधित टिप्पणी की थी। इससे समाज में भय का माहौल हो गया था। शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइटी एक्ट, सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाडऩे व जालसाजी समेत विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।