नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) की नियुक्ति की जाएगी।
लालकिले के प्रचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “तेजी से बदलती तकनीक और समय के साथ युद्ध के तरीके भी बदल रहे हैं। अब अगर कहीं भी युद्ध हुआ तो वह पहले से कहीं भयावह होगा। इससे निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमाल आवश्यक है।” इसके साथ ही उन्होंने थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए देश में एक नया सिस्टम लागू करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा विषय के जानकार लंबे समय से इस सिस्टम की मांग करते रहे हैं। उनकी मांग और सेना में बेहतर समन्वय की जरूरतों को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की व्यवस्था की जाएगी। सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रभारी होंगे। इससे तीनों सेनाओं को एक नेतृत्व प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री ने कहा ये व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि आज के समय में तीनों सेनाओं का साथ चलना बेहद जरूरी है। तीनों सेनाएं एक साथ चलें तभी काम चलेगा। अगर एक सेना आगे और बाकी सेनाएं उनके एक-एक कदम पीछे चल रहीं हैं तो काम नहीं चलेगा।
भारत के आजाद होने के बाद तक देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की व्यवस्था हुआ करती थी लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू ने सैन्य बल का विकेन्द्रीकरण करके चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के पद को समाप्त कर दिया था। 1999 में कारगिल युद्ध के बाद चीफ ऑफ डिफेंस के पद की मांग दोबारा उठी थी जिस पर उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने भी चीफ ऑफ डिफेंस के पद का सिफारिश की थी। लेकिन, उस समय वायुसेना के विरोध बाद वाजपेयी सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
फिलहाल भारत में तीनों सेनाओं
में सबसे वरिष्ठ जनरल को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ
का पद दिया जाता है। तालमेल
के बाबत ट्राई सर्विसेज कमान की व्यवस्था है। तीनों सेनाओं की संयुक्त कमांडर
कांफ्रेंस होती है और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट में तीनों सेनाओं के प्रमुख होते
हैं। इसके अलावा तालमेल, संयुक्त आपरेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक
उपाय किए गए हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस पद बन
जाने के बाद युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित हो पायेगा। युद्ध के
समय सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकेगा जिसका मतलब तीनों सेनओं को एक ही जगह से आदेश
जारी होगा। इससे सेना की
रणनीति पहले से अधिक प्रभावशाली हो जाएगी और संशय या असमंजस की कोई स्थिति नहीं होगी।
इससे काफी हद तक हम अपना नुकसान होने से बचा
पाएंगे।
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