प्रियंका गांधी वाड्रा मोहनलालगंज से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रचार अभियान दिल्ली के पास की लोकसभा सीट हापुड़ से शुरू होना प्रस्तावित है।
लखनऊ। सक्रिय राजनीति में कदम रखने के साथ ही बेहद सक्रिय नजर आ रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में जरा-सी भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में, जहा की वे प्रभारी बनाई गई हैं, उनका चुनाव प्रचार अभियान बेहद तेज और आक्रामक होगा।
प्रियंका और पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिंया सोमवार को लखनऊ पहुंच गए हैं। प्रियंका का यहां चार दिवसीय प्रवास का कार्यक्रम है जबकि ज्योतिरादित्य एक दिन पहले ही दिल्ली लौट सकते हैं। येदोनों नेता लखनऊ में उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों अपने-अपने क्षेत्रों को मथने निकल जाएंगे। 18 फरवरी से शुरू होने वाले प्रथम चरण के लिए 22 लोकसभा सीटों को चिन्हित किया गया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है जिसमें 42 लोकसभा सीटें हैं। ज्योतिरादित्य के प्रभार वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 38 लोकसभा क्षेत्र आते हैं।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार प्रियंका मोहनलालगंज से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकती हैं जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रचार अभियान दिल्ली के पास की लोकसभा सीट हापुड़ से शुरू होना प्रस्तावित है। ये दोनों नेता अपने दौरे के दौरान एक दिन में तीन से चार लोकसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से संपर्क-संवाद करेंगे। इस दौरान छोटी-बड़ी नुक्कड़ जनसभाएं भी प्रस्तावित हैं जबकि बड़ी जनसभाएं चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद करने का कार्यक्रम है।
दरअसल, करीब तीन दशक से उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा बेहत कमजोर हो चुका है। मतदाताओं की नई पीढ़ी की लिए प्रदेश में उसका सुनहरा अतीत कोई खास मायने नहीं रखता। ऐसे में कांग्रेस की स्वीकार्यता बढ़ाने की चुनौती बहुत बड़ी है। ऐसे हालत में सपा-बसपा के गठबंधन से अलग होने के बाद कांग्रेस को अपने बूते ही चुनाव मैदान में उतरना है। जाहिर है कि राह कांटों भरी है। ऐसे में कांग्रेस को प्रियंका रूपी ब्रहमास्त्र से काफी उम्मीदें हैं। वह उप्र से अपने सांसद तो बढ़ाना चाहती ही है, साथ ही 2022 में प्रदेश में सरकार भी बनाना चाहती है। ऐसे में वह स्थानीय छोटे दलों को भी लेकर भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर सकती है। लेकिन, फिलहाल तो मिशन लोकसभा चुनाव है जिसके लिए प्रियंका और ज्योतिरादित्य कार्यकर्ताओं में जोश भरने का हर संभव प्रयास करेंगे।
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