मुंबई। भारत कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ निर्णायक जंग के लिए कमर कस चुका है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दुनिया का सबसे ज्यादा बेड वाला कोविड अस्पताल शुरू होने के कुछ घंटों बाद दी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दुनिया का सबसे बड़ा प्लाज्मा प्रोजेक्ट “प्रोजेक्ट प्लैटिना” लांच किया गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की। राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने इस प्रोजेक्ट को दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा “ट्रायल-कम-ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट” बताया है।
मुख्यमंत्री के बेटे व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस संबंध में ट्वीट से जानकारी दी। उन्होंने लिखा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रोजेक्ट प्लैटिना लॉन्च किया है जो दुनिया का सबसे बड़ा प्लाज्मा थेरेपी ट्रायल है। महाराष्ट्र शुरुआत से ही प्लाज्मा थेरेपी पर काम करता आ रहा है और अब इलाज के लिए राज्य में प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
एक अन्य ट्वीट में आदित्य ने लिखा, “महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी के मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। इन मरीजों का 17 मेडिकल कॉलेज में इलाज होगा। यह प्रोजेक्ट न केवल दुनिया को प्लाज्मा थेरेपी के लिए बड़ा डाटा देगा बल्कि इससे पूरे देश में इस इलाज के लिए इन्फ्रांस्ट्रक्चर तैयार करने में भी मदद मिलेगी।”
एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके ट्रायल मेडिकल शिक्षा एवं औषधि विभाग के तहत आने वाले 17 मेडिकल कॉलेज और बीएमसी के चार कॉलेजों में होंगे।
क्या है कोरोना की प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी या पैसिव एंटीबॉडी थेरेपी में कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो चुके व्यक्ति के रक्त के प्लाज्मा का इस्तेमाल दूसरे मरीज के इलाज में किया जाता है। कोरोना वायरस से ठीक होने वाले लोगों के प्लाज्मा में एंटीबॉडी होती हैं जो अन्य मरीजों की इस बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं।