वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद “वहां के हालात की जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए” तीन फोटो जर्नलिस्ट को पुलित्जर फीचर फोटोग्राफी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। ये हैं- यासीन डार (Dar Yasin), मुख्तार खान ( Mukhtar Khan) और चन्नी आनंद (Channi Anand)। ये तीनों फोटोग्राफर विदेशी समाचार एजेंसी से जुड़े हुए हैं और इन पर अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की गलत तस्वीर पेश करने के आरोप लगते रहे हैं।

कोरोना वायरस महामारी से दुनिया की जंग के बीच विजेताओं के नाम का ऐलान ऑनलाइन किया गया। यासीन डार और मुख्तार खान श्रीनगर कि निवासी हैं  जबकि चन्नी आनंद जम्मू में रहते हैं। पुरस्कार की घोषणा के बाद यासीन डार ने ट्विटर पर लिखा, “सहकर्मियों, मित्रों, भाइयों को धन्यवाद। मेरे साथ हमेशा खड़े रहने के लिए आप सभी का आभार। यह एक सम्मान और एक विशेषाधिकार है जिसकी हमने कभी भी कल्पना नहीं की।”

तीनों को यह पुरस्कार देते हुए पुरस्कार बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “यह कश्मीर के विवादास्पद क्षेत्र में जिंदगी की तस्वीरों को उकेरने के लिए उन्हें दिया गया है…” भारत की केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को पिछले साल रद्द किया जिसके तहत कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते थे।

गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। यहां महीनों तक कर्फ्यू लगा रहा और टेलीफोन के साथ-साथ इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगी हुई थी।

 भारत के इन तीन फोटो जर्नलिस्ट के अलावा द न्यू यॉर्कर, द वॉशिंगटन पोस्ट, असोसिएटेड प्रेस, द लॉल एंजिलिस टाइम्स, द बाल्टिमोर सन, द फीलिस्तीन हेराल्ड प्रेस को भी अलग-अलग खबरों के लिए पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पिछले महीने बोर्ड ने पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा को स्थगित कर दिया था। पुलित्जर पुरस्कार की शुरुआत 1917 में हुई थी। यह अमेरिका का एक प्रमुख पुरस्कार है, जो समाचार पत्रों, साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में कार्य करने वालों को दिया जाता है। पिछले साल यह पुरस्कार न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके परिवार से संबंधित जानकारियां सामने लाने के लिए दिया गया था। 

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