कुआलालंपुर। हिंदुओं के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी के आरोपों में घिरे विवादित इस्लामिक धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक पर मलेशिया के मेलाका राज्य ने भी धार्मिक भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मेलाका के मुख्यमंत्री आदिली जाहरी ने कहा, “हम यहां सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए हमने जाकिर के यहां धार्मिक भाषण देने या लोगों को एकत्र करने पर पाबंदी लगा दी है।” इस तरह मेलाका जाकिर नाईक पर प्रतिबंध लगाने वाला मलेशिया का सातवां राज्य हो गया है। इससे पहले जोहोर, सेलांगोर, पेनांग, केदाह, परलिस और सरावाक सूबे अपने यहां उसके धार्मिक भाषण देने पर रोक लगा चुके हैं। भगोड़ा जाकिर पिछले तीन साल से मलेशिया में रह रहा है।
मलेशियाई सरकार की एक जांच एजेंसी भारत से भागकर मलेशिया में रह रहे जाकिर से नस्लीय टिप्पणी के आरोप में पूछताछ करेगी। इस सिलसिले में उसको समन भेजा जाएगा। जाकिर ने हाल में मलेशिया के मुस्लिम बहुल होने के बावजूद हिंदुओं के पास ढेर सारे अधिकार होने की बात कही थी। दरअसल, जाकिर ने कहा कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में 100 गुना अधिक अधिकार मिले हैं। इस नस्लीय टिप्पणी का भारतीय समुदाय ने सख्त विरोध किया था। इसे आपसी भाई-चारे, सौहार्द और समानता के अधिकार के खिलाफ टिप्पणी के रूप में देखा गया।
मलेशिया की केंद्रीय सरकार के कई मंत्रियों ने भी जाकिर की इस टिप्पणी पर सख्त ऐतराज जताया था। भारत में कथित आतंकवादी गतिविधियों और धनशोधन (Money laundering) में वांछित जाकिर द्वारा मलेशिया में रह रहे हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर सख्त आपत्ति जताते हुए मलेशियाई के मानव संसाधन मंत्री एम. कुलासेगरन ने कहा था कि मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठाने वाले जाकिर नाइक पर तुरंत एक्शन लिया जाए।
कुलसेरगन ने बुधवार को जारी किए अपने एक बयान में कहा था, “जाकिर नाइक एक बाहरी व्यक्ति है, जो एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है। इसलिए उसे मलेशियाई लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “जाकिर नाइक का यह बयान किसी भी तरह से मलेशिया के स्थायी निवासी होने के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है। अगली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।”
इसके बाद गृह मंत्री मुहाईद्दीन यासीन ने कहा कि नस्लीय टिप्पणी, झूठी खबर और जन भावनाएं भड़काने के आरोप में जाकिर नाइक और कई अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी। यासीन ने अपने बयान में कहा, “मैं बाहरी नागरिकों समेत सभी पक्षों को ध्यान दिलाना चाहता हूं कि जो भी यहां के भाईचारे के माहौल और शांति को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ मेरा मंत्रालय कानूनी कार्रवाई करने में जरा भी नहीं हिचकेगा।”
जातीय समूह और धर्म मलेशियाई समाज के लिए संवेदनशील मुद्दे हैं। 3.2 करोड़ की आबादी वाले इस देश में बहुसंख्यक मलय मुस्लिमों की जनसंख्या तकरीबन 60 प्रतिशत है। उसके बाद अल्पसंख्यक जातीय समूह चीनी और भारतीय हैं। भारतीयों में से अधिकतर लोग हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं।
भारत ने औपचारिक तौर पर मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था लेकिन जुलाई में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने साफ किया था कि उनकी सरकार जाकिर के प्रत्यर्पण की भारत की मांग पर आसानी से अमल नहीं करेगी। जाकिर को तब तक वापस भारत नहीं भेजा जाएगा जब तक वह उनके देश में परेशानी पैदा नहीं करता।
भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जाकिर नाइक के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों और धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही है। एनआईए ने जाकिर के खिलाफ आतंकरोधी कानून के तहत 2016 में पहला मामला दर्ज किया था। उसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पाबंदी लगा दी गई। जाकिर के खिलाफ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में हुए आतंकी हमले को लेकर भी जांच की जा रही है। आरोप है कि जाकिर के भड़काऊ भाषणों से ही हमलावर प्रेरित हुए थे। अपने भड़काऊ भाषणों से युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने का आरोप लगने के बाद जाकिर 2016 में भारत से फरार हो गया था।
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